नतीजे आते ही कांग्रेस-भाजपा दगाबाजों पर करेगी कड़ी कार्रवाई

As soon as the results come, Congress-BJP will take strict action against the traitors.
As soon as the results come, Congress-BJP will take strict action against the traitors.

भोपाल (ब्यूरो)। नई सरकार और 16वीं विधानसभा बनने के फैसले में अब सिर्फ 5 दिन बाकी हैं। नतीजे आते ही कांग्रेस और भाजपा दगाबाजों पर कड़ी कार्रवाई में जुट गई है। वहीं सरकार बनाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और पूर्व मंत्री कमलनाथ आशान्वित हैं वहीं निर्दलियों पर भी कड़ी नजर रखे हुए हैं। इस सबके बावजूद बिना प्रचार किए मायावती 10 से 12 सीटों पर खेल बिगाड़ सकती है।

मध्यप्रदेश में अगली सरकार किस दल की होगी, यह तीन दिसंबर को तय होगा। लेकिन प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने अभी से अपने दगाबाजों की पड़ताल शुरू कर दी है। प्रत्याशियों और संगठन के जिलाध्यक्षों से मतगणना से पहले सूची पार्टी मुख्यालय भेजने को कहा गया है। गौरतलब है कि चुनावी प्रचार से लेकर मतदान तक वरिष्ठ नेताओं से लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने दलों को जिताने के लिए अथक मेहनत की। लेकिन कुछ ऐसे भी नेता सक्रिय रहे, जो किसी नाराजगी या टिकट वितरण से अंसतुष्ट होकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को पटकनी दिलाने में सक्रिय रहे। बताया गया है कि प्रत्याशियों ने ऐसे लोगों की शिकायतें पार्टी नेतृत्व के पास भेजी हैं। इनके अलावा पार्टी को उनके नेटवर्क से भी ऐसे लोगों की शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने दल को जिताने में नहीं, बल्कि हराने के लिए काम किया है।

जानकारों की मानें तो भाजपा ने अपने सभी जिलाध्यक्षों से कहा है कि वे दो दिसम्बर से पहले उनके जिले की हर विधानसभा क्षेत्र के ऐसे लोगों की सूची बनाकर पार्टी नेतृत्व को भेजें, जिन्होंने निर्देशों के बाद भी विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया है। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि शिकायतें बिना प्रमाण नहीं भेजी जानी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि भाजपा पूरे प्रदेश से आने वाली इन सूचियों पर मतगणना के बाद निर्णय लेगी। पार्टी की सरकार बनने या सत्ता से बाहर होने के हिसाब से ऐसे लोगों के खिलाफ अगला कदम उठाया जाएगा। जानकारी के अनुसार बीते दिनों पीसीसी में पार्टी प्रत्याशियों की दो चरण में बैठक हुई थी, जिसमें मतगणना को लेकर विशेषज्ञों द्वारा उम्मीदवारों को जानकारी दी गई थी। बताया गया है कि इस बैठक के उपरांत पार्टी के अधिकांश प्रत्याशियों ने अपने चुनाव के दौरान जिन लोगों ने भितरघात किया है या गुपचुप तरीके से विरोधी उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने का काम किया है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान हमने अपने स्तर पर ऐसे लोगों पर नजर रखी है।

इनमें से कुछ लोगों को बुलाकर समझाया भी गया। कुछ लोगों ने पार्टी नेतृत्व की बात भी मानी, लेकिन जो शिकायतें प्रत्याशियों द्वारा की गई हैं, उसकी सत्यता की पता लगाकर भितरघात करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा, लेकिन यह कदम मतगणना के उपरांत ही उठाया जाएगा। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन खराब था, लेकिन डेढ़ साल बाद पड़ोसी मप्र में वो सभी 230 सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। विश्लेषक मानते हैं कि यूपी की सीमा से लगे विंध्य, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में लगभग 15 सीटों पर बसपा गठबंधन कांग्रेस-बीजेपी के गणित को धवस्त कर सकती है। इस बार परंपरागत वोट बैंक के अलावा बीएसपी की उम्मीदों की बड़ी वजह वो उम्मीदवार हैं जो कांग्रेस-और बीजेपी से बागी होकर हाथी पर सवार हुए हैं। विंध्य में सतना सीट से बीजेपी के बागी रत्नाकर चतुर्वेदी उम्मीदवार हैं, तो नागौद से कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह उम्मीदवार हैं। चित्रकूट से बीजेपी के बागी सुभाष शर्मा उम्मीदवार हैं, सिंगरौली सीट से भी बीजेपी के बागी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा हाथी पर बैठ गये हैं। ग्वालियर-चंबल में शिवपुरी जिले की पोहरी सीट पर बीएसपी बेहद मजबूत है।

Source – bureau

 

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