जिस शहर में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का विरोध उसी नगर से सिख नेता की नियुक्ति, कांग्रेस ने दिया नया संदेश

चुनाव से 150 दिन पहले और 165 दिन बाद मिला नया अध्यक्ष

Indore City New Congress President Surjitsinh Chadha

इंदौर। कांग्रेस के सांसद रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब इंदौर से गुजर कर आगे बढ़ना थी और उसको खालसा कॉलेज में रुकना था। यात्रा की तैयारियों को देखने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इंदौर आए थे और खालसा कॉलेज पहुंचे थे। उसी समय सिख समाज का धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था जिसमें समाज के पंजाब से भी संत आए थे। उसी दौरान कमलनाथ भी पहुंचे थे। तभी एक संत ने कमलनाथ के आने पर उन्हें सिख विरोधी दंगों का आरोपी बताते हुए राहुल गांधी की यात्रा का विरोध किया था, जिसको भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना लिया था। इस कारण कांग्रेस को खालसा कॉलेज का कार्यक्रम निरस्त करना पड़ा था। अब उसी शहर से ही कांग्रेस ने सिख नेता को कांग्रेस की शहर की कमान देकर नया संकेत दिया है।

कांग्रेस हाईकमान ने लगभग 165 दिनों के लम्बे इंतजार के बाद इंदौर को नया शहर कांग्रेस अध्यक्ष दे दिया है। गुरुवार को पार्टी हाईकमान ने अधिकृत रुप से सुरजीतसिंह चड्ढ़ा को अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी है। अध्यक्ष पद की दौड़ में अरविंद बागड़ी और गोलू अग्निहोत्री के नाम भी शामिल थे। वहीं पूर्व अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को चुनाव तक अध्यक्ष बनाए रखने पर भी चर्चा चल रही थी, लेकिन अंत में सुरजीत चड्ढ़ा के नाम पर मुहर लगाई गई। इसी के साथ सुरजीत सिंह चड्ढ़ा को ऐसे वक्त यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है जब विधानसभा चुनाव में लगभग 150 दिनों का समय बचा है।

अश्विन के इंकार के बाद आया सुरजीत का नाम

सुरजीत चड्ढ़ा के अध्यक्ष बनने से पहले शहर अध्यक्ष की दौड़ में कई नाम चल रहे थे। इसमें अरविंद बागड़ी, गोलू अग्निहोत्री, अमन बजाज शामिल थे। इन नामों के साथ-साथ वरिष्ठता पूर्व विधायक अश्विन जोशी का नाम भी चल रहा था। अनुभव, वरिष्ठता और योग्यता को देखते हुए पार्टी उन्हें अध्यक्ष पद देना चाहती थी, लेकिन अश्विन ने अध्यक्ष बनने से मना कर दिया था। indore congress news president

प्रभारियों के भरोसे लंबे समय तक चलती रही इंदौर कांग्रेस

इंदौर शहर कांग्रेस से विनय बाकलीवाल को 21 जनवरी को तथा 22 जनवरी को अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से ही इंदौर की कांग्रेस बगैर अध्यक्ष के चल रही थी। यानी इंदौर कांग्रेस का पूरा काम प्रभारियों के भरोसे चल रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी हाई कमान ने 165 दिनों के लंबे इंतजार के बाद 6 जुलाई को शहर कांग्रेस अध्यक्ष के सुरजीतसिंह चड्ढ़ा नया अध्यक्ष घोषित कर दिया।

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आपसी गुटबाजी के कारण पद छोड़ना पड़ा बागड़ी को

इसी साल जनवरी माह यानी 21 जनवरी को प्रदेश कांग्रेस ने विनय बाकलीवाल को अध्यक्ष पद से हटाकर उनके स्थान पर अरविंद बागड़ी को अध्यक्ष बना दिया। कांग्रेस खेमे में अरविंद बागड़ी के अध्यक्ष बनने की खबर जैसे ही फैली उसी दौरान कांग्रेैस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई । शहर अध्यक्ष बनने पर अरविंद बागड़ी के खिलाफ इतना विरोध हो गया की रातोंरात यह मामला पीसीसी प्रमुख कमलनाथ के पास पहुंच गया। बागड़ी के विरोध में कई कांग्रेसी सुबह-सुबह कमलनाथ के बंगले पर पहुंच गए और उन्हें तत्काल हटाने की मांग की। कमलनाथ ने दूसरे ही दिन उनको होल्ड कर दिया था। 22 जनवरी को ही भी उन्हें अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद अध्यक्ष पद को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका।

ये हैं शहर के नए कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढ़ा

<तीन बार पार्षद का चुनाव लड़ा <एक बार हारे, दो बार जीते <2018 में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से चुनाव लड़ा। <विधायक मालिनी गौड के सामने चुनाव हार गए।<अध्यक्ष को लेकर कमलनाथ चाहते थे। गोलू अग्निहोत्री अध्यक्ष बने। जबकि सुरजीत चड्ढ़ा, दिग्विजयसिंह की पहली पसंद रहे। सुरजीत के पिता और वरिष्ठ नेता उजागर सिंह को भी अध्यक्ष बनाने में दिग्विजयसिंह की भूमिका रही। उजागर सिंह भी इंदौर चार से विधानसभा का चुनाव हारे हैं।<चुनावी वर्ष है हम सबको साथ लेकर काम करेंगे। <युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई अच्छा काम कर रहे हैं। हम बेहतर से बेहतर संगठन चलाएंगे। कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे। सबको साथ लेकर चलेंगे। <शहर में कांग्रेस मजबूती से जनता के बीच जाकर काम करेगी। कोई गुटबाजी नहीं है। <ऐसा सुरजीत चड्डा ने दैनिक दोपहर से कहा।

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