10 साल में 683 बार नेट बंदी का विश्व रिकॉर्ड

घाटी में 550 दिन लगातार बंद रखने से ढ़ाई अरब का नुकसान

World record of net closure 683 times in 10 years
World record of net closure 683 times in 10 years

नई दिल्ली। भारत अब विश्व के उन चुनिंदा 18 देशों में शामिल हो गया है जहां मोबाइल, इंटरनेट सेवा सबसे ज्यादा बार प्रतिबंधित की गई हो। वर्ष 2012 से 2022 के बीच 683 बार इंटरनेट बंद किया गया, जो दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। वर्ष 2022 के पहले छह महीनों के दौरान पूरी दुनिया में किए गए इंटरनेट बंदी के मामले में 85 प्रतिशत केवल अकेले भारत में ही रहा।

इंटरनेट बंदी पर नजर रखने वाली संस्था सर्फशार्क वर्चुअल प्रायवेट नेटवर्क ने अपनी सालाना रिपोर्ट में जो जानकारी प्रकाशित की है इसके अनुसार वर्ष 2022 में जम्मू-कश्मीर में 24 बार इंटरनेट की सेवा प्रतिबंधित की गई, जो दुनिया की सर्वाधिक इंटरनेट बंदी है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष दुनिया की आधी से अधिक आबादी यानी 42 अरब लोगों ने इंटरनेट बंदी का सामना किया है। इसमें भारत के बाद रूस और ईरान सबसे आगे हैं। World record of net closure 683 times in 10 years

यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने इसका भरपूर इस्तेमाल किया। भारत में इंटरनेट बंदी चुनाव आंदोलन, धार्मिक त्यौहार और परीक्षाओं के नाम पर भी की जाती है। मणिपुर में भी इंटरनेश बंदी के बाद हिंसा अभी तक जारी है। आंकलन बता रहा है कि भारत इंटरनेट बंदी का विश्व गुरू बन चुका है।

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हर एक छोटी-बड़ी घटना के बाद आशंका का हवाला देकर सबसे पहले इंटरनेट ही बंद किया जा रहा है। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि वर्ष 2019-2022 के बीच भारत में 127 बार इंटरनेट की बंदी की गई। 18 राज्य ऐसे हैं जहां कम से कम एक बार इंटरनेट की बंदी की गई है। यह प्रधानमंत्री के उन दावों के बिल्कुल विपरित है जिसमें वे बार-बार देश के हर नागरिक को 24 घंटे इंटरनेट पहुंचाने की बात कर रहे हैं। इटरनेट के बंद होने का सबसे ज्यादा असर कारोबार पर पड़ता है।

कई जगह इसके कारण सारी व्यवस्थाएं तय समय में रुक जाती है। देश में सबसे ज्यादा इंटरनेट जम्मू-कश्मीर में बंद रहा। धारा 370 हटाने के बाद 550 दिनों तक रिकार्डतोड़ इंटरनेट बंद होने के कारण राज्य को ढ़ाई अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। बंद के दौरान 5 लाख युवा कार्य से लम्बे समय वंचित रहे।

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