सुलेमानी चाय: चिराग तले अंधेरा…..खजराने में जम गया, अंगद का पैर…मुल्तानी सदर रास नहीं आ रहे है

सुलेमानी चाय

चिराग तले अंधेरा

सुलेमानी चाय: चिराग तले अंधेरा.....खजराने में जम गया, अंगद का पैर...मुल्तानी सदर रास नहीं आ रहे है

भाजपा का बूथ विस्तारक कार्यक्रम 2, यानी दोबारा शुरू हो गया है , पर इस बार इन्दौर के 190 मुस्लिम बूथ की चिंता नगर अध्यक्ष गौरव बाबू ने जताई हैं, और बोझ अल्पसंखयक मोर्चा पर है, पर बूथ विस्तारक के पहले ही सप्ताह में ही मोर्चा की कलई खुल गई है, शेख़ असलम के गृह वार्ड 53 आज़ाद नगर जहां से पत्नी को निगम चुनाव लड़ा चुके हैं, और मोर्चा टीम में एक हीं वार्ड से 7 लोगों को पदाअधिकारी बनाने का इल्ज़ाम भी झेल चुके है, इन सबके बावजूद जब वार्ड मे बूथ विस्तारक की बैठक लेने नगर से आए तो कोइ भी असलम के द्वारा वार्ड अध्यक्ष बने जाकिर खान के बुलावे पर आने को राज़ी ना हुआ, नाही वो लोग नज़र आए जिन्हे असलम ने अपनी टीम मे जगह दी है यहां तक मंडल अध्यक्ष उमेश को भी अकील कुरैशी ने साफ कह दिया पहले वार्ड अध्यक्ष बदलो फिर पुराने कार्यकर्ता काम करेंगे, आखिर पुराने कार्यकर्ता अफजल को वार्ड 53 का अध्यक्ष बनाया गया, अब असलम को बने 2 साल होने आए 190 बूथ तो दूर की गोटी है अभी वो 28 मोर्चा मंडल तक नहीं पहुंचे है।

खजराने में जम गया, अंगद का पैर

सुलेमानी चाय: चिराग तले अंधेरा.....खजराने में जम गया, अंगद का पैर...मुल्तानी सदर रास नहीं आ रहे है

खजराने की तासीर ही कुछ निराली है, यहाँ जो भी आता है यही का हो जाता है ,नियम कायदे जाए भाड़ में, ओर फिर यहाँ के सेटिंगबाज़ भी बराबर साथ दे देते है, जिससे उनकी भी दाल रोटी चल जाती है और साहब के लिए तो मुर्ग मुसल्लम का इंतेजाम हो जाता है, अब हमने सोच लिया है की रमजान आ रहे है तो हम किसी का नाम नही लेंगे भय्या, हमे भी अल्लाह को मुह दिखाना है, लेकिन अब बड़े अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए कि साहब को खजरने से अलविदा कर दे, क्योंकि अब जमावट बड़ी तगड़ी हो चली है, जमीन भी सोना उगल रही है, फिर दूसरे भी लाइन में खड़े है उन्हें भी तो मौका मिलना चाहिए…

मुल्तानी सदर रास नहीं आ रहे है

किसी भी ओहदे के लिए काब्लियत, सलाहियत और काम करने का जज़्बा ज़रूरी है इस्लाम जहा शिर्क के खिलाफ़ आया वही कबीलाबंदी के भी खिलाफ है पर कुछ लोगों मे जात पात बिरादरी सबसे पहले है ऐसे हीं लोगो को दो जगहों के सदर बहुत अखर रहे है, पहली जगह हैं तुकोगंज दरगाह दूसरी लूनिया पुरा कब्रस्तान इन दोनों जगह इत्तेफाकन मुल्तानी समाज से सदर आते है, और दोनों ने ही पुरानी कमेटी के काम को विकास के मामले में बहुत पीछे छोड़ दिया है, पर जो लोग बिरादरी का चश्मा नहीं उतार पा रहे। उन्होंने इनके खिलाफ़ लोगों को बरगलाने के लिए बाकायदा परचे छपवा कर मीटिंग ले रहे है, ओर लोगों को बिरादरी का हवाला दिया जा रहा है… मो.-997786229

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