भोपाल गैस पीड़ितों को तगड़ा झटका

7400 करोड़ के मुआवजे की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

BHOPAL GAS KAND

नई दिल्ली/भोपाल (ब्यूरो)। भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद पीड़ितों को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब 7400 करोड़ के मुआवजे की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि सरकार को इस मामले में पहले आना था।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपए के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र द्वारा दायर क्यूरेटिव याचिका पर आज अपना फैसला सुनाया। यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों ने शीर्ष कोर्ट में कहा था कि भारत सरकार ने 1989 में मामले के निपटारे के समय कभी भी यह सुझाव नहीं दिया कि दिया गया मुआवजा अपर्याप्त था। फर्मों के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि 1989 के बाद से रुपए का अवमूल्यन भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अब मुआवजे की मांग का आधार नहीं बन सकता है।

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इससे पहले केंद्र ने 1984 की त्रासदी के पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए डाउ केमिकल्स से 7,844 करोड़ रुपए की मांग की है। त्रासदी में 3,000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा था। जहरीली गैस के रिसाव से होने वाली बीमारियों के लिए पर्याप्त मुआवजे और उचित चिकित्सा उपचार के लिए इस त्रासदी से बचे लोग लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। केंद्र ने मुआवजे में बढ़ोतरी के लिए दिसंबर 2010 में शीर्ष अदालत में एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी।

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