कॉलोनी वैध करने को लेकर निगम मेें दौड़ने लगी फाइलें

हर विधानसभा चुनाव के पहले अवैध कॉलोनी को वैध करने की घोषणा

शार्दुल राठौर
इंदौर। मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होंगे जब जनता को वोट के बदले अवैध कॉलोनी वैध करने का झुनझुना पकड़ाया जाएगा। प्रदेश में अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय शुरू हुई। इह्यह्यह्यसके बाद सीएम 2012 में सीएम रहे शिवराजसिंह ने अपने हर चुनाव में इस घोषणा से जनता को खुश करने की कोशिश की, लेकिन उनका वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है। अब चुनाव आ रहे हैं तो इंदौर नगर निगम में एक बार फिर से अवैध कॉलोनी वैध करने की फाइलें तेजी से दौड़ने लगी है।

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इन दिनों नगर नगर निगम में अवैध कॉलोनी को वैध करने की फाइलें तेजी से दौड़ रही है। इस बार निगम की सूची में सिर्फ 196 कॉलोनी हैं, जो दिसंबर 2016 के पहले अस्तितव में आई है। वैसे शहर में 950 अवैध कॉलोनियां हैं, लेकिन ग्रीन बेल्ट और सरकारी जमीनों पर बनी कॉलोनियों के नाम इस सूची में शामिल नहीं किए गए है। मध्य प्रदेश में सरकार की 20 साल में यह आठवीं कोशिश है।

हर विधानसभा चुनाव के पहले इसकी घोषणा होती है। एक बार फिर यह प्रक्रिया हो रही है। इंदौर नगर निगम द्वारा इस मामले में दावे आपत्ति बुलाकर चिन्हित कॉलोनियों की सूची निगम वेबसाइट के साथ सोशल मीडिया पर भी जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपत्तियों का निराकरण करने के बाद निगम द्वारा कॉलोनी का लेआउट तैयार करेगी। इसके बाद टीएंडसीपी से नक्शा पास कराया जाएगा और फिर विकास शुल्क की गणना कर सभी से राशि जमा करवाई जाएगी, तब जाकर कॉलोनी वैध होंगी। हालांकि इस आदेश के बाद नगर निगम को टीएनसी और इंदौर विकास प्राधिकरण सूची में शामिल 196 कॉलोनियों के लिए एनओसी जारी कर दी है, लेकिन जिला प्रशासन के नजूल विभाग की एनओसी नहीं मिल पाई है, जिसे लेकर आगे की कार्रवाई में लेटलतीफी हो रही है। फिलहाल नगर निगम द्वारा जिला प्रशासन को एनओसी जारी करने के लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है।

घोषणा यथावत रही-प्रदेश में अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय शुरू हुई, लेकिन घोषणा तक ही बात रही। फिर साल 2013 विधानसभा चुनाव के पहले 2012 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की। इसके बाद 2017 में भी घोषणा हुई। साल 2019 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सरकार के फैसले को पलटते हुए धारा 15 (ए) को शून्य कर दिया, फिर प्रक्रिया रुक गई। इसके बाद सितंबर 2021 में कॉलोनी वैध करने का नया अध्यादेश आया। इसे फरवरी 2022 में लागू किया, लेकिन चुनाव आ गए। अब फिर चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने यह प्रक्रिया शुरु कर दी है।

अवैध निर्माण नहीं होने देंगे-निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अवैध कालोनी को वैध करने की प्रक्रिया के बीच कॉलोनी सेल के साथ-साथ भवन अनुज्ञा की लीज शाखा में भवन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सूची में शामिल कॉलोनी और नई जमीन पर अवैध निर्माण कतई ना होने दें।

चुनाव से पहले करेंगे वैध-महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को वैध करने का काम अभियान शुरु कर दिया है। 196 कॉलोनियों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर आने वाले चुनाव के पहले वैध करेंगे।

वैध की जाने वाली बड़ी कालोनियों के नाम
ग्रेटर बृजेश्वरी, बृज विहार, गिरधर नगर, अलकापुरी, न्याय नगर के साथ-साथ मूसाखेड़ी स्थित खाती मोहल्ला, सम्पत फार्म, सम्पत विहार, सम्पत एवेन्यू कॉलोनियों के अलावा पवन नगर, शाहिन नगर, आलोक नगर, चंदन नगर के कुछ सेक्टर, गीताराम पार्क, संजीव नगर, कंधारी नगर, लैकपार्क कालोनी, तेजपुर गड़बड़ी, प्रिंस सिटी, सुखलिया, न्यू एकता नगर, अमन नगर, गीता पैलेस, शालीमार पैलेस सहित अन्य कॉलोनियां हैं।

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