90 साल पुराना गणेश मंडल नए स्वरूप में लोकार्पित
1931 से अब तक कई आयोजन का साक्षी बना गणेश मंडल
इंदौर Ganesh Mandal Indore। इंदौर में आजादी से पहले अपने इतिहास को संजोए हुए गणेश मंडल संवर कर अपने मूल स्वरूप में लौट आया है। आज लोकार्पण के साथ करीब ढाई वर्ष में गणेश मंडल जनता के उपयोग के लिए खोल दिया गया है। खास बात यह है की भवन को नया रूप देने में 91 वर्ष पुराने मूल स्वरूप में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। 1931 में गणेश मंडल का निर्माण होलकर शासकों ने सामाजिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में किया था। उस वक्त इस भवन का निर्माण गणेश उत्सव के लिए एकत्रित की गई राशि से शुरू किया गया था, इसलिए नाम भी गणेश मंडल रखा गया।
गौरव के रूप में गणेश मंडल आधुनिक युग के साथ अपने मूल स्वरूप में छाप लिए जी उठा है। इंदौर के इतिहास का साक्षी गणेश मण्डल को 91 साल बाद अपने मूल स्वरूप की पहचान के साथ नए रूप तैयार किया गया है। 1927 में निर्माण की नींव रखते वक्त समाज के सहयोग से निर्मित हुआ गणेश मंडल भवन एक बार फिर समाज के सहयोग से दमक उठा है। खास बात यह है की इतने साल बाद जीर्णशीर्ण हो चुके गणेश मंडल भवन को फिर से जीवंत करने के लिए एक बार फिर समाज के सहयोग से ही मूल स्वरूप में तैयार किया गया है। भवन की नक्काशी से लेकर 91 साल पहले वाली बनवाट को बगैर छेड़छाड़ किए नया रूप प्रदान किया गया है। आज लोकार्पण के बाद यह भवन धर्मिक, समाजिक और सांस्कृतिक आयोजन के लिए समर्पित किया जाएगा।
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