Gujrat Elecltion Result 2022 : गुजरात फिर शिरोधार्य

गुजरात में कांग्रेस साफ, हिमाचल में कांग्रेस सरकार

Gujrat Elecltion Result 2022
Gujrat Elecltion Result 2022

नई दिल्ली (ब्यूरो)। आज देश के 2 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों में जहां गुजरात में भाजपा ने देश का नया इतिहास रचा है। यहां पर 27 साल बाद फिर भाजपा काबिज हुई है। अभी तक पश्चिम बंगाल में वाममोर्चे की सरकार के 25 साल तक सत्ता में बने रहने का रिकार्ड था। दूसरी ओर हिमाचल में एक बार फिर कांग्रेस बहुमत पा चुकी है। यहां से सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाए जाने के लिए विमान की व्यवस्था कांग्रेस कर रही है। यहां 68 सीटों में से 37 सीटों पर कांग्रेस बढत बना चुकी है। भाजपा 27 सीटों पर अभी बढत बनाए हुए है। दूसरी ओर गुजरात में 182 में से 151 सीटें जीतकर एक ओर इतिहास रच गया है। यहां कांग्रेस और आप पार्टी का सफाया हो गया है।

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दोनों राज्यों के चुनाव को लेकर तमाम सर्वे जो आकलन बता रहे थे। परिणाम उनके लगभग ही बने रहे। गुजरात में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू जमकर चला। गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी रणनीति और कांग्रेस की यहां औपचारिक लड़ाई से भाजपा को जीत आसान हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार गुजरात चुनाव में पूरी ताकत लगा दी थी। यहां पर उनकी 11 से अधिक रैलियां और 50 से अधिक सभाएं अलग-अलग क्षेत्रों में हुई थी। इसके अलावा भाजपा के लगभग सभी मंत्री और संगठन के नेता यहां पर लगे हुए थे। हिमाचल में जेपी नड्डा जो भाजपा के अध्यक्ष हैं उनकी गृह क्षेत्र भी है और उन्होंने यहां पर अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झौंक दी थी। दूसरी ओर आप पार्टी का यहां सफाया हो गया। पहली बार देश के किसी राज्य में कांग्रेस की इतनी बुरी गत हुई है।

Gujrat Elecltion Result 2022

कांग्रेस सरकार बनाने की कवायद में जुट गई है। अपने विधायकों को समेटने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि कांग्रेस में तोड़फोड़ को लेकर दौड़ धूप शुरू हो गई है। वहीं दिल्ली में भी आप पार्टी के पार्षदों को तोड़ने के लिए कवायद की जा रही है। Gujrat Elecltion Result 2022

गुजरात विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। 27 साल से राज्य में भाजपा सत्ता सुख भोग रही है। ताजा परिणामों के रुझानों के मुताबिक 182 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा 151 पर आगे चल रही है वहीं कांग्रेस को 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है वहीं आप पार्टी ने खाता खोलते हुए उनके प्रत्याशी 9 सीटों पर आगे चल रहे हैं वहीं अन्य निर्दलीय उम्मीद 6 सीटों पर आगे चल रही है। उधर हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा 38 सीटों पर आगे चल रही है वहीं कांग्रेस 29 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। आप पार्टी ने अभी खाता भी नहीं खोला है। अन्य उम्मीदवार दो सीटों पर आगे चल रहे हैं। उधर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायमसिंह यादव की बहू डिंपल यादव लगातार बढ़त बनाए हुए है।
हिमाचल में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने विधायकों के साथ संपर्क शुरू कर दिया है वहीं दिल्ली नगर निगम ने भी अपना मेयर बनाने के लिए पार्षदों के साथ तोड़फोड़ और चर्चा शुरू कर दी है। जेपी नड्डा कई नेताओं से बात कर चुके हैं। उधर गुजरात में 27 साल से लगातार सत्ता सुख भोग रही है।

दिल्ली एमसीडी चुनाव में भाजपा बेशक बहुमत के आंकड़े से दूर रही, लेकिन निगम की सत्ता हथियाने की दौड़ में पीछे नहीं है। 100 का आंकड़ा पार करने वाली पार्टी अब सदन में चौथी बार सत्ता हासिल करने की कवायद में है। सांसद गौतम गंभीर का यह बयान आने के बाद कि कूड़े का पहाड़ तो भाजपा ही खत्म करेगी, दिल्ली की सियासत में खलबली मच गई।

सब इसके अपने मायने-मतलब निकालने में लगे हैं। वहीं, पार्टी कार्यालय में केंद्रीय पदाधिकारियों से लेकर प्रमुख नेताओं ने लगातार बैठक की। जीते हुए पार्षदों को भी प्रदेश कार्यालय बुलाकर नेताओं ने जो टिप्स दिए उससे भी जाहिर है कि अंदरखाने भाजपा की खिचड़ी मेयर बनाने को लेकर पक रही है। उधर, सियासत में हलचल मिलने के बाद आप आदमी पार्टी ने भी इस पर अपने अंदाज में प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि हिम्मत है तो भाजपा निगम में अपना मेयर बनाकर दिखाए। इससे पहले चुनावी परिणाम हक में न होने के बावजूद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, मीडिया रिलेशन प्रमुख हरीश खुराना, चुनाव प्रबंधन समिति संयोजक आशीष सूद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर, यासिर जिलानी सहित अन्य सभी नेता आत्मविश्वास से लबरेज दिखे।

भाजपा नेता यह कहने से भी नहीं चूके कि जितने विपरीत दावे एग्जिट पोल और अन्य स्थान पर चर्चा में थे, उससे कहीं अधिक अच्छा प्रदर्शन पार्टी ने किया है। भाजपा नेता अपने पुरानी गलती को दोहराने के पक्ष में नहीं हैं।

दिल्ली विधानसभा (2013) के चुनाव में भाजपा 32 सीट लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन जादुई आकड़ा नहीं होने से कांग्रेस के समर्थन पर आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। कांग्रेस के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा जोड़तोड़ कर सरकार बनाने की जगह चुनाव कराने के पक्ष में थी। इसके बाद के चुनाव में आम आदमी पार्टी लगातार परचम लहराती रही और आज दो राज्यों में सरकार चला रही है। इससे सबक लेते हुए भाजपा यह गलती दोबारा नहीं करेगी। हाल ही में संसद में एकीकरण के निमित्त संशोधित डीएमसी एक्ट में भी दल-बदल कानून का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। gujarat election result

यह भी साफ किया गया है कि मनोनीत सदस्यों को मत देने का अधिकार नहीं है। इस तरह से निर्वाचित 250 पार्षद, प्रशासक द्वारा मनोनीत 10 विशेषज्ञ सदस्य व स्पीकर द्वारा 14 विधायकों को मिलाकर 274 सदस्यों वाला दिल्ली नगर निगम का सदन होगा।

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