पत्रकार को रामभक्त हनुमान की तरह होना चाहिए- सत्तन

विद्याधर शुक्ला एवं ज्वालाप्रसाद शुक्ला की स्मृति में 51 मीडियाकर्मियों का सम्मान

इंदौर। राष्ट्रकवि पंडित सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि पत्रकार को रामभक्त हनुमान की तरह होना चाहिए, जो तमाम बाधाओं को पार करके खबर के लक्ष्य को हासिल कर सके। वे स्टेट प्रेस क्लब मप्र द्वारा वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय विद्याधर शुक्ल एवं ज्योतिषाचार्य स्वर्गीय ज्वालाप्रसाद शुक्ला स्मृति पत्रकारिता सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शुक्लाद्वय ने अपनी लेखनी और सिद्धांतों की वजह से समाज में अपनी खास पहचान बनाई

। कार्यक्रम को इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, महामंडलेश्वर दादू महाराज, चिन्तक एवं विचारक डॉक्टर सुभाष खंडेलवाल एवं श्रम कल्याण मंडल म.प्र. शासन के अध्यक्ष भगवानदास गोडाने ने भी संबोधित किया। अतिथियों ने कहा कि ऐसे आयोजनों से मीडियाकर्मियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होती है और सम्मान से उनका मनोबल भी बढ़ता है। अभिनव कला समाज सभागार में आयोजित समारोह में शहर के 15 वरिष्ठ पत्रकार, 20 उत्कृष्ट लेखन करने वाले पत्रकार एवं 16 छायाचित्रकारों को नकद राशि, स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इंजीनियर अशोक मेहता की पुस्तक मन के मोती का विमोचन भी किया गया।

 

कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ ज्योतिषी पंडित प्रकाश पारोलकर, गुलशन अग्रवाल एवं ललित वर्मा को भी सम्मानित किया गया। प्रारंभ में मुख्य महासचिव नवनीत शुक्ला ने कार्यक्रम की जानकारी एवं स्वागत उद्बोधन दिया। अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने संचालन किया। अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार संजीव आचार्य, शैलेन्द्र शुक्ला, बनवारीलाल सोनी, आकाश चौकसे, श्याम यादव एवं गगन चतुर्वेदी ने किया। अंत में अभिलाष शुक्ला ने आभार व्यक्त किया।

इनका हुआ सम्मान

कार्यक्रम में 51 पत्रकारों की अलग-अलग मीडियाकर्मियों के नाम से नकद राशि और स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में कपिल नीले, विश्वनाथ सिंह तथा भूपेन्द्रसिंह को रोहित बिंदल के सौजन्य से स्व. सुरेश बिंदल की स्मृति, दैनिक स्वदेश के राजेश यादव को वाग्मिता संस्था के सौजन्य से स्व. रवीन्द्र शाह की स्मृति में, दैनिक दोपहर के राजेश यादव को स्व. रवीन्द्र शाह की स्मृति, प्रवीण जोशी को बलराम अवस्थी के सौजन्य से स्व. दिनेश अवस्थी की स्मृति, महेन्द्र बागड़ी को वाग्मिता संस्था के सौजन्य से स्व. रवीन्द्र शाह की स्मृति, ऐतियाब शेख को प्रवीण खारीवाल के सौजन्य से स्व. महेन्द्र बाफना की स्मृति, दीपक यादव को शैलेन्द्र शुक्ला के सौजन्य से स्व. रोमेश जोशी की स्मृति, अतुल गौतम को प्रवीण खारीवाल के सौजन्य से स्व. महेन्द्र बाफना की स्मृति, सुशील तिवारी को शरद जैन के सौजन्य से स्व. अरविंद अग्निहोत्री, संजीव मालवीय तथा विनोद शर्मा को सुभाष खंडेलवाल के सौजन्य से रविवार पत्रिका, आकांक्षा दुबे तथा प्रियंका देशपांडे को श्रीमती ललिता गौड़ के सौजन्य से स्व. जयकृष्ण गौड़ की स्मृति, सौदामिनी ठाकुर को शैलेन्द्र शुक्ला के सौजन्य से स्व. ज्वालाप्रसाद शुक्ला, शालिनी हार्डिया तथा रजनी खेतान को राजेन्द्र गुप्ता के सौजन्य से स्व. श्यामादेवी गुप्ता की स्मृति, नितिनमोहन शर्मा तथा पुष्पेन्द्र वैध को मृणालकांत चतुर्वेदी के सौजन्य से स्व. महेश चतुर्वेदी की स्मृति में सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में लम्बे समय से पत्रकारिता कर रहे वरिष्ठ पत्रकारों सर्वश्री अभिलाष शुक्ला, चम्पालाल गुर्जर, महेन्द्र दुबे, भारत सक्सेना, विनय तिवारी, अर्जुन राठौर, हेमन्त पाल, तेजकुमार सेन, मांगीलाल चौहान, गजानंद वर्मा, दिलीप शर्मा का स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

जनहित पत्रकार संगठन की स्पर्धा के पुरस्कारों की हुई घोषणा

इंदौर। कोरोना काल, जी हां ये ही वो एक ऐसा काल था जिसने समूचे विश्व को ना सिर्फ मौत के मुहाने पर खड़ा कर दिया था, बल्कि वो सब भी दिखा दिया था जिसकी सामान्य इंसान तो क्या विश्व की महाशक्तियों ने भी कभी कल्पना नहीं की होगी। 21 दिन के लॉकडाउन से शुरू हुआ सिलसिला महीनों जारी रहा और लोग अपने घरों में ही कैद होकर रह गए थे। समाचार पत्रों,न्यूज चैनल्स पर आती कोरोना विभीषिका की खबरें मन को विचलित करने के लिए काफी थी।

कोरोना की पहली लहर जैसे-तैसे निकली ही थी की कोरोना की दूसरी लहर में तो ये विभीषिका और भी विकराल रूप में सामने आई। बड़े -बड़े देशों में चिकित्सा उपकरण कम पड़ने लगे तो ऑक्सीजन की किल्लत से कई लोग मौत के मुंह में समा गए। मीडिया के साथियों की कर्तव्य निष्ठा, उनके जोखिम भरे कार्यों को सलाम व प्रोत्साहित करने के लिए पत्रकारों की हितैषी संस्था जनहित पत्रकार संगठन ने फोटोग्राफर्स की कोरोना पर स्पर्धा आयोजित की थी व प्रेस फोटोग्राफर्स से प्रविष्ठियां आमंत्रित की थी।
बैठक हुई आयोजित- इन्हीं फोटोग्राफ्स व प्रतियोगिता को लेकर संगठन की बैठक पिछले दिनों हुई। बैठक में संगठन के नवनीत शुक्ला, अभिलाष शुक्ला, महेश कजोडिया, भरत सक्सेना, राकेश मेहता, सचिन शर्मा, पुष्पेंद्र वैद्य, विनीत तिवारी, ऐतियाब शेख,आलोक ठक्कर, नितेश पाल, दीपक यादव, दिलीप शर्मा सहित अनेक सदस्य शामिल हुए। बैठक के उपरांत ज्यूरी सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष शुक्ला, सचिन शर्मा, पुष्पेंद्र वैद्य, भरत सक्सेना व राकेश मेहता ने प्राप्त प्रविष्ठियों का आकलन कर प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांत्वना पुरस्कार के लिए फोटोग्राफ्स का चयन कर सुरक्षित रखा था।

पुरस्कारों के लिए चयन
ज्यूरी सदस्यों ने प्रथम, द्वितीय पुरस्कार के लिए दो कैटेगरी, तृतीय के लिए तीन कैटेगरी व सांत्वना के लिए फोटो का चयन किया। ज्यूरी ने गोपाल वर्मा के फोटो कोरोना का कहर अंतिम संस्कार को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया था। वहीं द्वितीय के लिए नितिन सोलंकी के फोटो सांसों की जंग व राजू पंवार के कोरोना लॉस को चुना गया। तृतीय के लिए उमेश सेन के कोरोना कहर, जयेश मालवीय के कोरोना योद्धा व सुमित पारले के ऑन ड्यूटी फोटो को चुना गया। वहीं धर्मेंद्र सिंह चौहान, जितेंद्र शर्मा, निलेश होलकर, प्रमोद जैन, प्रतीक शर्मा, रवींद्र सेठिया, उमेश त्रिवेदी, विजय भट्ट, विशाल चौधरी व यशवंत पवार के फोटो सांत्वना के लिए चुने गए। संगठन के नवनीत शुक्ला ने बताया कि प्रथम 11000 रुपए, दो द्वितीय 7000 रुपए, तीन तृतीय 5000 रुपए व 2000 रुपए के सांत्वना पुरस्कार रखे गए थे। जल्द ही आयोजन कर चयनित फोटोग्राफर्स को पुरस्कृत किया जाएगा।

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