सुलेमानी चाय: रफत के जाने से असलम की आफत …रिसीवर से नहीं संभलेगा उर्स….लीपने के नहीं और छाबने के भी नहीं…
पलासिया मस्जिद से इंसानियत का पैगाम
रफत के जाने से असलम की आफत …
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा में शेख असलम अगर हैं तो रफअत वारसी के दम पर हैं। असलम के विरोधियों ने जब-जब शेख असलम के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसे नाकाम रफअत ने ही किया है। अब रफअत खुद मोर्चा छोड़ कर हज कमेटी में जा रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि अब असलम का क्या होगा। इसके दो जवाब हैं। पहला जवाब यही कि जो भी अब अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष बनेगा उसे असलम फील गुड कराते रहेंगे। सुना है रअफत वारसी ने भी असलम का फील गुड खूब एंजाय किया है। नया अध्यक्ष फील गुड से मान गया तो ठीक नहीं तो असलम अपनी टीम के साथ हज कमेटी भी जा सकते है।
रिसीवर से नहीं संभलेगा उर्स….
दरगाह नाहरशाहवली का उर्स जनवरी में होने वाला है। सवाल यही है कि बिना कमेटी के उर्स कैसे होगा। रिसीवर निसार अहमद हैं, मगर वो भाजपा नेताओं के हाथ के खिलौने हैं। अगर इस बार भी कमेटी नहीं बनी तो उर्स पूरी तरह भाजपा के हाथों में रहेगा, जो वक्फ की भावना के खिलाफ होगा। रिसीवर निसार अहमद दरगाह के कामकाज पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे पा रहे है। दरगाह मैदान लावारिस हो गया है। जिसे जो मर्जी हो कर रहा है। गंदगी पसरी पड़ी है। अतिक्रमण हो रहे हैं। नशेड़ियों को कोई कुछ कहने वाला नहीं है। ऐसे में उर्स होता है तो एक बार फिर बंदरबाट के सिवा कुछ होना नहीं है।
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