गृह निर्माण संस्थाओं ने नियमों के विपरीत 1 हजार एकड़ जमीनें बेच रखी है

8 संस्थाओं की 55 एकड़ जमीन माफियाओं से वापस लेने की कार्रवाई प्रशासन ने शुरू की

इंदौर। एक बार फिर जिला प्रशासन भू-माफियाओं के खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी शुरू कर रहा है। इसके तहत पहले उन संस्थाओं को निशाने पर लिया जा रहा है जिन्होंने गलत तरीके से संस्था की जमीन सदस्यों को न देते हुए अन्य लोगों को बेच दी। इसमें कई जमीनों का दुरुपयोग भी हो रहा है। अयोध्या पूरी एबी रोड़ की ढाई एकड़ जमीन भी माफियाओं ने खरीदी थी जो अभी तक वापस नहीं की गई है।

वहीं संस्थाओं द्वारा दूसरी संस्थाओं को जमीनें बेचने के खेल में लगभग हर चौथी संस्था शामिल रही है। एक आंकलन के अनुसार एक हजार एकड़ से ज्यादा जमीनें शहर में संस्थाओं ने बेची हैं। दूसरी ओर इसी प्रकार के अन्य प्रकरणों में भी अब जिला प्रशासन संस्थाओं की बेची गई जमीन की रजिस्ट्री शून्य कराने के लिए शासन से अनुमति ले रहा है। 8 से ज्यादा संस्थाओं की लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की 55 एकड़ से ज्यादा जमीनें मुक्त करवाकर सदस्यों को प्लाट देने का अभियान शुरू किया जाएगा।

माना जा रहा है तीन हजार से अधिक लोगों को इस नए अभियान से अपने घर मिल सकेंगे। सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि अब एक बार फिर जमीनों के जादूगरों को बचाने वाले शहर से रवाना हो रहे है। इसके बाद जिला प्रशासन नए सिरे से वापस अभियान को रफ्तार देगा। दूसरी ओर कष्ट निवारक संस्था में विवादों में पड़े भूखंडों का निराकरण भी किया जाएगा।

इस मामले में सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा संस्थाओं द्वारा सहकारिता उपायुक्त अमरीश वैद्य के कार्यकाल में जमींने बेचने का खेल हुआ है। यदि दस्तावेजों की जांच की जाएगी तो इसमें कई संस्थाओं द्वारा जमीनें बेचे जाने के बाद विभाग से अनुमति ली गई है। इंदौर के जमीन के बड़े कारोबारी और इज्जतदार कहलाने वाले प्रेम गोयल भी अपनी संस्थाओं की जमीनें जहां बेच चुके हैं तो दूसरी ओर कई संस्थाओं की जमीनें भी उन्होंने खरीदी है और इन्हीं मेें से एक जमीन पर बड़ी होटल भी खड़ी हो गई है।

देवी अहिल्या बसंत विहार में भी जमीनें बेची गई हैं। इनको भी अब जांच के दायरे में लेने के लिए प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। इसके अलावा आदर्श श्रमिक गृह निर्माण सहकारी साख संस्था ने 65 फर्जी सदस्य बनाकर व्यवसायिक उपयोग की रजिस्ट्री करवा दी थी। इस संस्था से 2 एकड़ जमीन अब मुक्त करवाई जाएगी।

तो वहीं संतोषी माता गृह निर्माण द्वारा वर्ष 1999 में 23 एकड़ जमीन कल्पतरू गृह निर्माण संस्था को नियमों के विपरीत जाकर बेची थी। यह जमीन अब रजिस्ट्री निरस्त करवाकर वापस ली जाएगी। इसके अलावा नवभारत गृह निर्माण ने अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा कम कीमत पर तयैबी रियल इस्टेट को बेच दी थी। इसके अलावा करतार गृह निर्माण की सवा 4 एकड़ जमीन और महिराज गृह निर्माण की जमीन भी खरीदारों से वापस ली जाएगी।

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