100 में से 7 शहर ही बने अधूरे स्मार्ट

इंदौर में 70 प्रतिशत काम पूरे, 1042 में से 727 पूरे हुए

नई दिल्ली (ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 100 स्मार्ट शहरों की योजना का दम निकलता नजर आ रहा है। 8 साल में 100 में से केवल 7 शहर ही अधूरे स्मार्ट बन पाए हैं, वहीं इंदौर में 70 प्रतिशत काम पूरे हुए हैं। 1042 में से केवल 727 प्रोजेक्ट पूरे हो पाए हैं। इंदौर में स्मार्ट सिटी के नाम पर 30 से 40 साल पुराने और दुकानों को तोड़ा गया है, जिसके कारण हजारों लोग बेघर होकर बेरोजगार भी हो गए हैं।
स्मार्ट सिटी बनने के मामले में उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर की रफ्तार भी सुस्त है। सात साल में 100 शहरों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया था, पर सात शहरों के ही इस लिस्ट में शुमार होने के आसार हैं। देश के पहले स्मार्ट शहरों में मध्य प्रदेश का भोपाल, गुजरात के अहमदाबाद व सूरत और राजस्थान का उदयपुर भी होगा। दरअसल, 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत शहरों को और आधुनिक बनाने की दिशा में कदम उठाए गए। इस मिशन के सात साल बाद 100 शहरों को टिकाऊ और नागरिक अनुकूल घोषित किया जाएगा, जिनमें म.प्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और यूपी के शहर इस साल के अंत तक शोकेस किए जाएंगे। आंकड़ों के अनुसार, भोपाल में 940 प्रोजेक्ट्स में फिलहाल 862, सूरत में 1219 में 1005, उदयपुर में 947 में 739, भुवनेश्वर में 846 में 644, अहमदाबाद में 930 में 648, इंदौर में 1042 में 727 और वाराणसी में 997 में 700 प्रोजेक्ट ही पूरे हो सके।
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