जिन्हें भाग्य लेने के लिए खुद सड़क पर चलकर आया
29 मार्च को 'जगदीपÓ के जन्मदिन के अवसर पर
इंदौर। 29 मार्च को सुनहरे युग के हास्य अभिनेता ‘जगदीपÓ का जन्म दिवस है। आपका जन्म सन् 1939 में हमारे मध्य प्रदेश के ‘दतियाÓ में हुआ था, आपका मूल नाम था ‘सैय्यद इश्तियाक एहमद जाफरीÓ बचपन में ही पिताजी का निधन हो जाने से जैसे तैसे माँ ने परवरिश की।
जगदीप के बडे भाई मुंबई में मेहनत – मजदूरी करते थे। बालक जगदीप अपनी माँ के साथ मुंबई आ गये। यहाँ उनकी माँ एक यतीमखाने में खाना बनाने का काम करने लगी। माँ ने जगदीप को स्कूल में भरती करा दिया। उन्होंने स्कूल छोड़कर पतंग बनाकर बेची, साबुन और अखबार बेचे, लोगों की मोटर गाडिया साफ की। ऐसे ही एक बार वो सडक पर कुछ बेच रहे थे वहां एक आदमी आया जिसे कुछ बच्चो की फिल्म की शुटींग के लिये जरूरत थी। उसने जगदीप से पुछा फिल्म में काम करोगे, जगदीप के लिये ‘फिल्मÓ शब्द नया था। उन्होंने पुछा ये क्या है, उस आदमी ने उन्हें फिल्म के बारे मे बताया, जगदीप ने पूछा पैसे कितने मिलेंगे, जवाब मिला 3 रुपये, जगदीप ने खुश होकर हां कर दी। दूसरे दिन स्टुडियो पहुंचे जहाँ एक हॉल में बहुत सारे बच्चे दर्शक बनकर बैठे थे कुछ बच्चे स्टेज पर नाटक कर रहे थे, एक बच्चा अपने डायलाग उर्दू मे होने के कारण सही तरीके से बोल नहीं पाते रहा था। जगदीप ने स्टेज पर जाकर वहां मौजूद फिल्म कंपनी के कर्मचारी से कहा कि वो ये डायलाग बोल सकता है। जगदीप ने उर्दू के डायलाग के साथ-साथ अभिनय किया उन्हें 6 रुपये मेहनताना मिला। इस तरह उनका फिल्मों में पदार्पण हुआ, आपके अभिनय से सजी कुछ फिल्में है- नौकरी, मुन्ना, अब दिल्ली दूर नहीं, बरखा, हरियाली और रास्ता, दो दिलों की दास्तान, नौनिहाल, तीन बहुरानिया, सपना, बालक, इश्क पर जोर नही, जीने की राह, पुराना मंदिर आदि लंबी लिस्ट है। जगदीप का सन् 2020 में निधन हो गया उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि
-सुरेश भिटे