ठहाके लगवाने से लेकर आंसू गिरवाने में उन्हें महारत थी
19 दिसम्बर को 'ओमप्रकाशÓ के जन्म दिवस के अवसर पर
इंदौर। 19 दिसम्बर को सुनहरे युग के जबरदस्त और सफलतम चरित्र और हास्य अभिनेता ‘ओमप्रकाशÓ का जन्म दिवस है।
आपका जन्म सन् 1919 में ‘लाहौरÓ में हुआ था, आपके परिवार में तीन भाई और एक बहन थी, बचपन से ही अभिनय का शौक रहा, रामलीला में माता सीता की भुमिका निभाकर दर्शकों की तालियां बटोरते थे, उन्हें संगीत का भी शौक था इसलिए संगीत गुरू ‘भाईलालÓ से शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया।
आप बहुत तेज दिमाग वाले हाजिर जवाब व्यक्ति थे, किसी बात का जवाब देते समय ऐसा जवाब देते थे कि सुनने वाला निरुत्तर हो जाया करता था, और हंसने पर मजबूर हो जाता था, उनके पिताजी का लाहौर और जम्मू में बड़ा कारोबार था परिवार सुखी और सम्पन्न था, ओमप्रकाश ने पढाई पुरी करके ‘ऑल इंडिया रेडियोÓ में ‘फतेह दीनÓ के डमी नाम से रेडियो नाटको में काम करना शुरू किया,
वहीं प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ‘दलसुख पंचोलीÓ भी मौजूद थे जिन्होंने ओमप्रकाश की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें लाहौर बुलाया और फिल्मों में काम करने का मौक़ा दिया, आपकी पहली फिल्म थी सन् 1944 की ‘दासीÓ। अगली फिल्म थी ‘धमकीÓ, इसके बाद वे स्वयं मुंबई आ गये, पिताजी का जमाजमाया कारोबार खत्म हो चुका था, पैसों की तंगी थी ऐसे माहौल में फिल्मों में काम पाने का संघर्ष शुरू हुआ, कई बार भुखे रहने की नौबत भी आई, आखिर भाग्य ने जोर मारा और निर्माता- ‘जयंत देसाईÓ ने फिल्म ‘खलनायकÓ में भूमिका दी, इसके बाद एक बार फिर ओमप्रकाश की अभिनय यात्रा शुरू हो गई, आपने 250 से अधिक फिल्मों में विभिन्न प्रकार की भुमिकाए निभाई है।
आपके अभिनय से सजी कुछ फिल्में है – जलसा, चार दिन, लाहौर, नाच, सबक, बहार, खजाना, अनहोनी, लडकी, धुंआ, रेल का डिब्बा, दोस्त, पुजा, डंका, कुंदन, लुटेरा, पहली झलक, बसंत बहार, भाई भाई, पटरानी, गेट वे ऑफ़ इंडिया, कन्हैया, मिस मैरी, आशा, शारदा, अमरदीप, हावड़ा ब्रिज, आदि।
सन् 1998 में ‘ओमप्रकाशÓ का स्वर्गवास हो गया उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
-सुरेश भिटे