सौम्य चेहरे के पीछे छीपी थी एक शानदार कलाकारी
23 अक्टूबर को देवेन वर्मा के जन्म दिवस पर
इंदौर। 23 अक्टूबर को सुनहरे युग के एक प्राकृतिक- सहज अभिनय करने वाले अभिनेता ‘देवेन वर्माÓ का जन्म दिवस है, आपका जन्म इसी दिन सन् 1937 में पुणे में हुआ था। आपके पिताजी का चांदी का व्यवसाय था आगे चलकर पिताजी ने फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन का कारोबार शुरू किया।
देवेन वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा- पंचगणी स्कूल में और उच्च शिक्षा- पुणे के ‘नवरोज जी वाडियाÓ कॉलेज से पुर्ण हुई, अपने कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने ड्रामे में काम करना शुरू कर दिया था, आगे देवेन वर्मा- कानून की पढाई करने मुंबई आ गये, परन्तु ये पढाई अधुरी रही और एक थियेटर ग्रुप से जुडकर स्टेज पर अभिनय करने लगे। इस ग्रुप में उनके साथी रहे हास्य अभिनेता ‘जॉनी व्हिस्कीÓ स्टेज प्रोग्राम में देवेन वर्मा उस समय के फिल्म कलाकारों की मिमिक्री करते हुए लोकप्रिय हो गये। ऐसे ही एक कार्यक्रम में उनका काम देखकर प्रसिद्ध फिल्मकार- बी आर चोपड़ा साहब ने उन्हें अपनी फिल्म ‘धर्म पुत्रÓ (सन् 1961) में एक छोटी सी हास्य भुमिका में ले लिया। सन् 1969 में देवेन वर्मा ने स्वयं की फिल्म निर्माण की स्थापना करके ‘यकीनÓ (धर्मेन्द्र- शर्मिला टैगोर) का निर्माण किया, फिल्म ‘नादानÓ (नविन निश्चल) से निर्देशन का काम भी संभाल लिया आगे सन् 1973 में बडा कबुतर (अशोक कुमार), सन् 1978 में ‘बेशरमÓ (अमिताभ बच्चन), सन् 1979 में ‘दाना पानीÓ (मिथुन चक्रवर्ती) का निर्माण और निर्देशन किया।
सन् 1975 की फिल्म ‘चोरी मेरा कामÓ में उन्हे फिल्म फेयर का श्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पुरस्कार मिलते ही उनके सामने फिल्मों की लाईन लग गयी। एक समय ऐसा भी आया कि वो सोलह फिल्मों में काम कर रहे थे, उन्हें फिल्म ‘चोर के घर चोरÓ और ‘अंगुरÓ के लिये भी फिल्म फेयर द्वारा पुरस्कृत किया गया। आपका विवाह ‘दादा मुनि अशोक कुमार साहबÓ की पुत्री ‘रूपा गांगुलीÓ से हुआ था, देवेन वर्मा ने 50 वर्षों तक फिल्मों में काम किया है। सन् 2014 में उनका स्वर्गवास हो गया उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
-सुरेश भिटे