गुस्ताखी माफ़- जीतू की विदाई का इंतजार..भिया बिहार के विहार पर…दो नाव पर शानदार सवारी…

जीतू की विदाई का इंतजार..

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अब अपने करीबी लोगों से भी अब दूर होते जा रहे हैं। इसके चलते कई दिग्गज नेता अब जीतू पटवारी से मुक्त होने की तैयारी शुरु कर चुके हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इंतजार केवल वेणुगोपाल की दिल्ली से विदाई का हो रहा है। वैसे भी कांग्रेस के नेता यह मानने लगे हैं कि अगला चुनाव जीतू पटवारी के नेतृत्व में नहीं हो पायेगा। पिछले दिनों राऊ में मध्यप्रदेश के नये प्रभारी को लेकर हुई बैठक को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। माना जा रहा है जीतू पटवारी इंदौर में भी कभी कांग्रेस कार्यालय में नहीं पहुंचे हैं। अब यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस की कमान जल्द ही दिग्गी राजा के चिंरजीव जयवर्धनसिंह के हाथों में जाने वाली है। इसके बाद प्रदेश में एक बार फिर पदयात्राओं का दौर कांग्रेस बड़े पैमाने पर शुरु कर सकती है। इंतजार दिल्ली में कुछ नेताओं की बिदाई का है….

भिया बिहार के विहार पर…

पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह के भोपाल आगमन पर इंदौर के भिया यानी कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनकी हुई गुफ्तगु कई सवाल खड़े कर रही है। माना जा रहा है कि प्रदेश ईकाई को लेकर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। वैसे भी वे मध्यप्रदेश की राजनीति में अब अपनी जगह को सही तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में वे अमित शाह के साथ बिहार में चुनावी मैदान में एक बार फिर दांव पेंच करने उतर सकते हैं। लग रहा है कि आने वाले महीनों में संभवत वे मध्यप्रदेश के मंत्री पद से मुक्त होकर बिहार की गलियों में घूमते दिखेंगे। उल्लेखनीय है कि अगले छह महीनों में बिहार में चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

दो नाव पर शानदार सवारी…

रिश्ते निभाने का हुनर कांग्रेस के बड़े नेता और पार्षद रहे के के यादव से सीखा जा सकता है। जहां उनके कमलनाथ से बेहतरीन रिश्ते हैं तो वहीं इन दिनों कैलाश विजयवर्ग$ीय के साथ भी इनके रिश्तों में नई ऊचाई बनती जा रही है। हालांकि उनके चिरंजीव शिवम यादव कांग्रेस से पार्षद जीतकर भाजपा में इन दिनों अपने नंबर बढ़ा रहे हैं। इधर विधानसभा चुनाव के दौरान भी पहले किसी समय इस वार्ड में कांग्रेस की तुती बोलती थी परंतु पिछले चुनाव में इस वार्ड से भिया ने साढ़े आठ हजार मतों की बढ़त ली थी अब दोनों के बीच रिश्तों में बेहतरी आने के बाद के के यादव बड़े ही संतुलित तरीके से दोनों नांव में पैर रखकर अपनी जीवन यात्रा चला रहे हैं। शिवरात्रि पर निकली शोभा यात्रा में भी जहां लगे होर्डिंग में कमलनाथ के साथ कैलाश विजयवर्ग$ीय भी दिखाई दिये तो सड़कों पर विजयवर्गीय के के यादव के साथ चलते रहे। राजनीति में तुम भी चलो हम भी चले चलती रही जिंदगी ऐसी हालत हो गई है।

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