महाराष्ट्र : अब दिल्ली से ही नाम की चिट्ठी आएगी
मुंबई। अंतत: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का मामला अभी भी अंतिम रूप नहीं ले पाया है। केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण एवं विजय रूपानी आज मुंबई पहुंचेगें। नए समीकरण में अब देवेन्द्र फडनवीस का मुख्यमंत्री बनना संकट में पड़ गया है। इस मामले में पर्यवेक्षक विजय रूपानी ने कहा कि जो भी बनेगा वह भाजपा का ही होगा। इससे और सवाल खड़े हो गए हैं। यह तय है कि अब राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह ही मुंबई मेें भी विधायक दल की बैठक में दिल्ली से ही नाम आ रहा है, क्योंकि विधायकों की राय ली जाती तो लंबा समय लगता, जबकि यह बैठक मात्र डेढ़ घंटे ही चलेगी। कल ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत मिले भले ही दस दिन बीत गए हैं लेकिन महायुति की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह होना है लेकिन इससे पहले कयासों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच बीजेपी नेता गिरीश महाजन कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे। सरकार गठन से पहले इस मुलाकात की सियासी हल्कों में चर्चा होने लगी। दरअसल, गिरीश महाजन को बीजेपी का संकटमोचक कहा जाता है और उनकी एकनाथ शिंदे से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे थे। महाराष्ट्र में अब यह माना जा रहा है कि देवेन्द्र फडनवीस के बजाय कोई नया नाम सामने आएगा। उसका मुख्य कारण यह है कि महाराष्ट्र की राजनीति में मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री मराठा समाज से ही हो रहे हैं। इसलिए अब कुछ नया समीकरण भाजपा यहां बनाएगी। इधर एकनाथ शिंदे फडऩवीस के साथ शामिल नहीं होने पर अड़े हुए हैं।