अब इंसानी पायलट वाले विमान बनाना बेवकूफी जैसा- मस्क
पायलट वाले फाइटर जेट्स को टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने पुराने और अप्रभावी बताया है। मस्क ने कहा है कि ड्रोन तकनीक ने युद्ध के तरीके बदल दिए हैं, और अब इंसानी पायलट वाले विमान बनाना बेवकूफी जैसा है।
यूक्रेन युद्ध का हवाला देते हुए मस्क ने कहा कि ड्रोन ने वहां युद्ध की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने जोर दिया कि भविष्य में रिमोट कंट्रोल या स्वायत्त ड्रोन युद्ध में फाइटर जेट्स की जगह लेंगे। मस्क ने एफ-35 स्टील्थ फाइटर प्लेन की डिजाइन को भी आलोचना का निशाना बनाया और इसे सेना के लिए सबसे अच्छा विकल्प न होने की बात कही। एफ-35 अमेरिका का सबसे खर्चीला रक्षा प्रोग्राम है, और मस्क पहले भी इसे लेकर अपनी राय जाहिर कर चुके हैं।
उनके मुताबिक, पायलट वाले फाइटर जेट्स की तुलना में ऑटोनोमस ड्रोन बेहतर विकल्प हैं क्योंकि वे इंसानी जोखिम को कम करते हैं और सस्ते होते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन तकनीक अभी इतनी उन्नत नहीं हुई है कि यह पूरी तरह से फाइटर जेट्स का स्थान ले सके। human pilots is foolishness – Musk
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छोटे और सस्ते ड्रोन सीमित क्षमता के साथ आते हैं और बड़े युद्धक्षेत्रों में कारगर नहीं होते। रॉयल यूनाइटेड सर्विसेस इंस्टीट्यूट के एयरपॉवर विश्लेषक जस्टिन ब्रोंक के अनुसार, इंडो-पैसिफिक जैसे बड़े क्षेत्रों में पायलट वाले फाइटर जेट्स की जरूरत है जो तेज गति, लंबी दूरी और उन्नत सेंसर जैसी विशेषताएं प्रदान कर सकें।
सेना के विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इंसानी पायलट युद्ध के दौरान कई बार ऐसे फैसले ले सकते हैं जो स्वायत्त तकनीक से संभव नहीं है। मिचेल इंस्टीट्यूट के मार्क गनजिंजर ने कहा कि एफ-35 जैसे फाइटर विमान न केवल लड़ाई के लिए बल्कि निगरानी और संचार प्रबंधन जैसे कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी तकनीक विकसित हो सकती है जो ड्रोन को फाइटर जेट्स के स्तर तक ले आए, लेकिन फिलहाल दोनों की जरूरत है। इस बीच, मस्क के बयान ने रक्षा विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के बीच नई बहस छेड़ दी है।
source – ems