25 रुपए निर्धारित, वसूल रहे 30 से 40 रुपए
महू-इंदौर उपनगरीय बसों का किराया

इंदौर। आरटीओ की अनदेखी का खामियाजा उपनगरीय बस से सफर करने वालों को भुगतना पड़ता है। बसों में मनमाना किराया चुकाना यात्री की मजबूरी बन गया है। महू-इंदौर का किराया आरटीओ ने 25, महू-पीथमपुर 35 तथा इंदौर-पीथमपुर 40 रुपए तय किया है। लेकिन, किसी भी उपनगरीय बस में आरटीओ द्वारा निर्धारित किराया नहीं लिया जा रहा है। यात्रियों को टिकट भी नहीं दी जाती है।
इंदौर से महू तक रोजाना 80 के आसपास बसें चलती है। इसमें रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। इसमें कालेज और स्कूलों के विद्यार्थियों की संख्या अधिक रहती है। हर बस में यात्री से अलग-अलग किराया लिया जाता है। 30 से लेकर 40 रुपए तक इंदौर-महू का किराया वसूला जा रहा है। जबकि, इतना ही किराया एआईसीटीएसएल द्वारा संचालित इंदौर-महू की बसें वसूलती है। यह बसें सुविधाजनक होने से अधिक किराया लेती है। उपनगरीय बसों में सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। Mhow-Indore suburban bus fares
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चालक-परिचालक यात्रियों से कई बार अभद्रता भी करते हैं। यही नहीं, यात्रियों को सुखद सफर भी मुहैया नहीं होता। स्टेशन से ही बसें भरकर चलती है। इसके बावजूद रास्तेभर यात्री को बैठाने, उतारने का क्रम चलता रहता है। ट्रेफिक पुलिस, थानों की पुलिस के सामने बस चालक बेखौफ यात्री बैठाते हैं। बसों की रफ्तार को कम करने के निर्देश भी कई बार आरटीओ दे चुका है, लेकिन बस संचालक उसका पालन नहीं करते। आरटीओ इन बसों की चेकिंग भी नहीं करता, जिसका बेजा फायदा बस संचालक उठाते हैं। Mhow-Indore suburban bus fares
किराया सूची चस्पा, नहीं मानते
कुछ बसों में आरटीओ की ओर से किराया सूची चस्पा कराई गई है, लेकिन यह सूची मात्र दिखावा है। बस चालक-परिचालक यदाकदा ही कुछ यात्रियों से सूची अनुसार किराया लेते हैं, शेष यात्री को अधिक किराया चुकाना पड़ता है।
कई खटारा, फिर भी दौड़ रही
लंबे समय से इस रुट पर उपनगरीय बसें दौड़ रही है। लगातार बसों के दौडऩे से वह खटारा हो गई है। इसके बावजूद सड़क पर लोगों की जान की परवाह किए दौड़ रही है। कई सालों से नई बसें इस मार्ग पर नहीं आ पाई। पुरानी बसें के फिटनेस और बीमा भी खत्म हो चुके हैं।