युवाओं की पहली पसंद बने राजबाड़ा गोपाल मंदिर और कृष्णपुरा छत्री

रील्स बनाने का शोक चढ़ा परवान

Rajbada Gopal Temple and Krishnapura Chhatri became the first choice of the youth.
Rajbada Gopal Temple and Krishnapura Chhatri became the first choice of the youth.

इन्दौर। शहर के युवाओं में इन दिनों रील्स बनाने का क्रेज दिनों दिन बढता ही जा रहा हैं। शहर के युवाओं का प्री-वेडिंग शूट हो या शॉर्ट मूवी के साथ ही रील्स बनाने का शोक वह राजबाड़ा, गोपाल मंदिर और कृष्णपुरा छत्री पर अल सुबह या शाम के समय पहुंच रहे हैं, क्योंकि उनकी पहली पसंद यही स्पॉट बन बन गए हैं।

देश के सबसे स्वच्छ शहर में इन दिनों प्री-वेडिंग शूट के साथ ही शॉर्ट मूवी के लिए कई हिस्सों में सुबह-शाम कैमरे हाथों में थामें युवा गोपाल मंदिर, राजबाड़ा के साथ ही कृष्णपुरा छत्रियों पर नजर आने लगे हैं। बॉलीवुड के कई गानों और फिल्म की शूटिंग के बाद अब युवा यहां रील्स बनाना पसंद कर रहे है। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अब शॉर्ट्स और रील्स को लेकर युवाओं में काफी क्रेज देखा जा रहा है। इन क्षेत्रों में रील्स बनाने वाले राज व संदीप जायसवाल ने दैनिक दोपहर की टीम को बताया कि शहर में सिर्फ पुरातन विभाग की इमारतों को छोड़ कहीं भी पैसा नहीं देना होता हैं।  Rajbada Gopal Temple and Krishnapura Chhatri became the first choice of the youth.

पुरातन विभाग को भी इन इमारतों पर फोटोग्राफी के नाम पर की जाने वाली वसूली बंद करनी चाहिए, क्योंकि इससे उनका ही विज्ञापन होता हैं। इसी तरह प्रिंस, कमल कश्यप और मंथन का भी यही कहना हैं कि राजबाड़ा व लालबाग जैसे ऐतिहासिक इमारतों होने वाली शुटिंग को नि:शुल्क किया जाए। इससे इंदौर की ऐतिहासिक इमारतों को अन्य शहर या प्रदेश के लोग आसानी से समझ सके।

इंदौर में बनी ऐसी ही रील्स लाखों लोगों ने देखी और पसंद की है, जिसके चलते रील्स बनाने वाले रातो-रात मशहूर भी हो गए तो कई रील्स लाखों व्यूज के साथ विवादों में भी पड़ी है। इसके अलावा ना केवल शहर के प्रमुख गॉर्डनों बल्कि सडक़ों के साथ कई प्रसिद्ध व ऐतिहासिक जगहों पर युवा रील्स बनाते देखे जा रहे हैं। गोपाल मंदिर और राजबाड़ा को युवा सुबह के समय इसलिए चुनते हैं, क्योंकि उन्हें यहां सुबह सडक़ खाली मिल जाती है।

पुरातत्व विभाग लेता हैं शुल्क

राजबाड़ा में प्री वेडिंग के साथ ही अन्य शूट के लिए पुरातत्व विभाग शुल्क लेता हैं। मगर इसके बाहर के हिस्सों में शूट के लिए कोई चार्ज नहीं है, इसलिए फोटोग्राफर्स के साथ ही नृत्य कला से जुड़े लोग बाहर सडक़ पर शूट करते देखे जा रहे हैं।

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