भोपाल (ब्यूरो)। मध्यप्रदेश का संक्षिप्त सत्र 18 दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है। इसके पूर्व कल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक दौड़-धूप चल रही है। नामों का पैनल दिल्ली पहुंचाया गया है। इस बार 43 नाम फिलहाल भेजे गए हैं। इनमें से कितने पहले चरण में मंत्री बनेंगे यह देखना होगा, पर इंदौर से रमेश मैंदोला का मंत्री बनना तय हो गया है और मालिनी गौड़ एवं महेन्द्र हार्डिया में से किसी एक को मंत्री पद मिलेगा। प्रहलाद पटेल भी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है।
मुख्यमंत्री बने मोहन यादव ने संगठन के मुखिया से बातचीत करने के बाद प्रदेश के 43 विधायकों की पूरी सूची बनाकर दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। वे किसी विवाद में पड़ना नहीं चाहते हैं। अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को ही करना है। जिन लोगों के नाम भेजे गए हैं उसमें 11 ब्राह्मण मंत्री पद के दावेदार हैं पर इसमें रमेश मैंदोला का नाम सबसे ऊपर है। वे सर्वाधिक मतों से 3 राज्यों में जीते हैं।
दूसरी ओर पिछड़ा वर्ग के 10 दावेदारों में प्रहलाद पटेल एवं एदलसिंह कसाना और गायत्रीराजे पंवार के नाम सबसे ऊपर हैं। वहीं एससी-एसटी से 3-3 नामों में इंदौर से तुलसी सिलावट के नाम रहेंगे। उज्जैन और मंदसौर से किसी के मंत्री बनने के आसार नहीं है। हर वर्ग को साधने की कोशिश भी की जा रही है। पिछली बार शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्री फिलहाल पहले दौर में बाहर रखे जा रहे हैं। उषा ठाकुर के मंत्री बनने की संभावना नहीं के बराबर है। विस्तार को लेकर फिलहाल जो रणनीति बनाई गई है उसके तहत हर लोकसभा क्षेत्र से एक और महानगरों से दो विधायकों को लेने पर विचार किया जा रहा है।