इंदौर में इस बार नोटा रच रहा है इतिहास, 5 से 6 लाख वोट मिलेंगे

दैनिक दोपहर ने नोटा पर मतदान को लेकर शहर के 20 चौराहों पर ली राय

Nota in Indore
Nota in Indore

इंदौर (धर्मेन्द्र चौहान)। इस बार हुए लोकसभा चुनाव में इंदौर संसदीय सीट पर जो समीकरण बने उससे आम मतदाताओं में काफी रोष दिखाई दिया। नतीजतन दस में से हर चार मतदाता ने इस बार नोटा पर बटन दबाया है। शहर की आठों विधानसभा में से पाँच में अलग अलग चौराहों पर दोपहर टीम ने लगभग ५० से अधिक लोगों से मतदान को लेकर राय चाही थी। अधिकांश ने इस प्रकार की व्यवस्था को स्वीकार नहीं किया। कुछ ने अपनी राय में यह भी कहा कि यह सब करने की जरुरत क्या थी जबकि इस बार कई युवाओं ने भी इस बात का विरोध किया है। इससे यह प्रतीत होता हैं कि इस बार देश भर में नोटा एक नया ही इतिहास रचने जा रहा हैं।

इंदौर के कांग्रेसियों ने एक जुटता दिखाते हुए जो नकारात्मक अपील की थी वह भी इंदौर के मतदाताओं ने इसलिए मान ली कि उन्हें यह महसूस हो रहा था कि षडयंत्र रच कर उनके मत देने के अधिकार को छीन लिया गया है। शहर इस स्वभाव को पसंद करने के लिए तैयार नहीं था इस बीच कांग्रेस ने नोटा पर बटन दबाने की अपील कर दी थी। जिसके चलते इंदौर सीट पर नोटा एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड जरुर बनाएगा।

इंदौर में हुए मतदान के पहले व बाद चर्चा में आए नोटा पर दैनिक दोपहर की दस टीम ने शहर के विभिन्न चौराहों पर खड़ें होकर आने-जाने वालों से जब यह पूछा कि आपने किस पार्टी के किस उम्मीदवार को वोट किया तो लगभग हर बीस में से आठ लोगों ने इस बार नोटा को वोट देना स्वीकार किया। दैनिक दोपहर की राय में पता चला कि इंदौर में जो राजनीतिक घटना हुई उससे लोगों का मन काफी विचलित हुआ हैं।

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जिसके चलते आम मतदाताओं ने नोटा को प्राथमिकता दी। यही कारण हैं कि इस बार नोटा के कारण पूरे देश में अनोखा रिकार्ड बनाएगा। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में जहां कांग्रेस चुनाव की दौड़ से बाहर थी, वहीं 2019 के संसदीय चुनाव की तुलना के मतदान में लगभग 7.5 प्रतिशत की कमी भी दर्ज की गई। मतदान कर चुके मतदाताओं का कहना हैं कि इस बार हर विधानसभा में नोटा को सबसे अधिक वोट डाले गए। विधानसभा चुनाओं में जिले भर की एक भी विधानसभा ऐसी नहीं थी जहां पर नोटा को हजार की संख्या से ज्यादा वोट न मिले हो।

२० में से कहीं ७ कहीं ५ और कहीं ३ ने कहा हमने नोटा पर बटन दबाया है

वहीं किसी भी कांग्रेसी उम्मीदवार को 50 हजार से कम वोट न मिला हो। ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि कांग्रेस के परंपरागत मतदाताओं ने किसे मत दिया। दोपहर की टीम के दस सदस्यों ने मिल कर शहर के प्रमुख चौराहों जैसे पाटनीपुरा, मालवामिल, राजबाड़ा, मरीमाता, सत्यसांई, विजय नगर, एलआईजी, पलासिया, गीता भवन, नवलखा व भंवरकुआ चौराहे पर चार दिन अलग अलग समय पर खड़े होकर यहां से आने-जाने वाले लोगों से अपने मताधिकार के बारे में बात की तो पता चला कि हर तीसरे-चौथे मतदाता ने इस बार नोटा को वोट किया हैं। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो में इस बार नोटा पर बटन दबाने वालों की संख्या आंकलन के अनुसार ज्यादा लग रही है।

दूसरे दिन टीम बाम्बे अस्पताल चौराहा, रेडिसन, मुमताजबाग, खजराना, बंगाली, पिपल्याहाना होते हुए मुसाखेड़ी व आईटी पार्क के साथ ही राजीव गांधी चौराहे व चौईथराम चौराहे पर खड़ी रही, यहां भी टीम ने आते-जाते लोगों से उनके द्वारा किए गए मतदान के बारे में जानकारी ली तो यहां भी ज्यादातर लोगों ने अपनी पहली पसंद नोटा ही बताई। NOTA is creating history this time in Indore

तीसरे दिन टीम महूनाका चौराहे से गंगवाल होते हुए राजमोहल्ला चौराहा, बड़ागणपति चौराहा, रामचंद्रनगर तिराहा, कालानी नगर चौराहा के बाद एयरपोर्ट तिराहे तक हर बीस में से आठ से नौ लोगों ने स्वीकार किया हैं कि उन्होंने इस बार नोटा को वोट किया हैं। इसी तरह शहर में किए गए आकलन में यह बात सामने आई कि भाजपा के भी कई समर्थकों ने इस बार नोटा में मतदान किया है।

एक नजर में नोटा

जिले की सभी 9 विधानसभा में नोटा को हजार की संख्या में वोट मिले हैं। जैसे विधानसभा क्रमांक एक 1381 विधानसभा क्रमांक दो में 2142, विधानसभा क्रमांक तीन में 1117, विधानसभा क्रमांक चार में 1986, विधानसभा क्रमांक पांच में 1549 इसी तरह राऊ विधान सभा में 2104, महू विधानसभा क्षेत्र में 1553, तो देपालपुर विधानसभा क्षेत्र 1151 और सांवेर में 2119 वोट नोटा को मिले थे। 15,102 वोट तो सिर्फ नोटा को ही दे दिए गए थे।

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