सुलेमानी चाय- दुबई का चश्मा… चीन की चड्डी ओर ईरानी चाय…सत्तू के टोकरे में भावी पार्षद…तीन से सद्दाम…

दुबई का चश्मा… चीन की चड्डी ओर ईरानी चाय…

इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजाबाबू नजर नही आ रहे है। वैसे तो बीजेपी वाले नेताओं ने एक्का-दुका को छोड़ सभी अल्पसंख्यक नेताओ को अपने अपने काम पर ध्यान देने की सलाह दे रखी है। वही अल्पसंख्यक मोर्चे के राजा बाबू जो हमेशा फोटू शोटु में नजर आ जाते थे। फिलहाल सोशल मीडिया से भी दूर है। पता नही साहब कहां व्यस्त है। खैर हमें क्या वैसे भी चुनाव बाद साहब की कुर्सी जाने वाली है।

सत्तू के टोकरे में भावी पार्षद…

इंदौर पांच से सत्तू भय्या लड़ रहे है। जहां कोंग्रेस के वोट बैंक खजराने में सत्तू भय्या ने सभी को पार्षद टिकट का लालीपाप दे रखा है, जिसमें निर्दलीय लड़ने पर जो नेता जी तीन सौ से पांच सौ वोट पर सिमट गये थे, उन्हें भी सत्तू के सहारे पार्षद की कुर्सी नजर आ रही है। इसी के साथ खजराने से सलीम पठान के अलावा एक दर्जन से ज्यादा नेता सत्तू के पीछे बॉम्बे किला लेकर घूम रहे है। अब देखना ये है कि सत्तू की सल्तनत कायम होती है या बाबा की बाबागिरी कायम रहती है।

तीन से सद्दाम…

विधानसभा तीन से भजापा ने गोलू को टिकट दिया है, लेकिन अगर किंतु परन्तु में गोलू जीत गये तो सद्दाम पठान विधायक होंगे। ऐसा आज कल सद्दाम कहते नजर आ रहे है। हुआ यंू कि बड़वाली चौकी वार्ड 58, में जनसम्पर्क के लिए सद्दाम सुबह से ही मंच लगा कर बैठ गए, साथ कमाल साहब भी गले मे विक्स लगा कर कमाल के भजन के लिये तैयार हो लिए, लेकिन रात ग्यारह बजे तक गोलू के आते पते नही थे, और खुसुर-फुसुर शुरू होने लगी तो सद्दाम ने अपना वीटो पावर का इस्तेमाल कर गोलू को एक्टिवा पर ले आये, माइक का समय खत्म हो चुका था, आखिर में सद्दाम ने कहा कि गोलू जीता तो विधायक में रहूंगा, ये सुन गोलू तो मन मे मुस्कुरा रहे थे और सुनने वाले सोच रहे थे, सुबह से कर दी शाम तुझको अल्ला रक्खे।

एमआईएमआईएम की दाल में काला…

ओवैसी की पार्टी मुस्लिम समाज की आवाज उठाती है, उनकी लड़ाई भी लड़ती है, समाज की बात रखना अच्छी बात है, लेकिन विरोधी इसे बेजेपी की बी टीम कहती है। इंदौर एक से यासिर साहब ने बेबाक अंदाज से मैदान में एमआईएमआईएम की मौजूदगी दर्ज करा रखी है वही पांच से डक्टर साहब को फार्म भरने में बीजेपी नेताओ का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे पता चलता है कि दाल पूरी साफ नहीं, कहीं न कहीं काला पीला जरूर है। जो भी हो लेकिन जिस कांग्रेस ने शहर से सिंधी समाज को टिकट दिया आबादी के हिसाब से मुस्लिम समाज भी एक आध टिकट का हकदार तो जरूर था।

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