भारत में बन रही है दोयम दर्जे की दवाइयां : अमेरिकी कांग्रेस

अफ्रीका में घटिया सिरप, सेंट्रल एशिया में प्रतिबंधित केमिकल की दवाइयां भेज चुके

नई दिल्ली (ब्यूरो)। विश्व भर में दवाइयों की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने वाली यूएसएफडीए ने भारत में बन रही दवाइयों को दोयम दर्जे का बताते हुए कहा है कि भारत में चल रही दवा कम्पनियां सेफ्टी नियमों का उल्लंघन कर रही हंै। इस मामले में भारत की दवा कम्पनियों को यूएसएफडीए द्वारा सबसे ज्यादा नोटिस भी चेतावनी के जारी होते रहे हैं। इसके बाद भी दवाइयों की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं है। भारत से अमेरिका में जेनरिक दवाइयां 32 प्रतिशत और ब्रांडेड दवाइयां 45 प्रतिशत तक निर्यात की जाती है। अमरिकी एजेंसी की इस रिपोर्ट के बाद भारत की एजेंसियां भी जाग गई हैं।

दो दिन पहले अमरिकी कांग्रेस ने विश्व की सबसे सख्त एजेंसी यूएसएफडीए पर भारत को लेकर आरोप लगाए थे कि भारत से निर्यात होने वाली दवाइयां गुणवत्ता विहीन पाई जा रही हैं। इनकी क्वालिटी खराब है। एजेंसी कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। यूएसएफडीए ने जवाब में कहा कि भारत की दवा कम्पनियों की गुणवत्ता को लेकर कई नोटिस चेतावनी के जारी किए जा चुके हैं। आम उपभोक्ताओं को इसी प्रकार की दवाइयां दी जा रही है। वहीं इससे बी फार्मा की विश्व में साख भी गिर रही है। अमरिकी कांग्रेस ने भारत की दवा कम्पनियों को लेकर यह भी बताया कि पिछले दिनों अफ्रीका में जहरीले सिरप से मौतें भी हुई हैं।

वहीं सेंट्रल एशिया में भेजी दवाओं में प्रतिबंधित केमिकल पाया गया है। ऐसे में यूएसएफडीए की रिपोर्ट के बाद भारत की रेगुलेटर भी सक्रिय हो गए हैं। जांच के बाद 48 दवाइयां गुणवत्ता विहीन होने पर प्रतिबंधित की गई है तो वहीं भारत में दवाइयों को मिलाकर बेचे जाने का मामला भी सामने आया है। अमेरिका सहित कई देशों में भारत की दवाइयों का निर्यात हो रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों एक रिपोर्ट भी जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि भारत से निर्यात की जाने वाली कई प्रकार की दवाइयों के मिलते-जुलते नाम चीन में बन रही दवाइयों के भी पाए गए हैं। हालांकि इस मामले में अभी कोई जांच प्रारंभ नहीं हुई है। पिछले दिनों मध्यप्रदेश और हिमाचल में भी भारतीय एजेंसियों ने दवा की गुणवत्ता को लेकर छापे की कार्रवाई की थी। हिमाचल में कुछ दवा कम्पनियों को सील भी किया था। देश के आम उपभोक्ता को कोई जानकारी नहीं, वह जो दवाइयां खा रहा है उसकी गुणवत्ता कितनी है।

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