land mafia indore: संस्थाओं के सदस्यों की जमीनें कौढ़ियों के दाम खरीदते रहे शहर के इज्जतदार भूमाफिया

पिंटू छाबड़ा से लेकर मनीष सहारा तक लूटते रहे करोड़ों की जमीनें

land mafia indore
land mafia indore

इंदौर। पिछले दिनों ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा भूमाफियाओं के यहां की गई छापे की कार्रवाई के बाद मिले दस्तावेजों पर जांच का काम पूरा होने के बाद अब ईडी ने दीपक मद्दा को पूछताछ के लिए हिरासत में जेल से ले लिया है।

दीपक मद्दा के कई लेनदेन पर ईडी शहर के भूमाफियाओं को भोपाल बुलाकर भी पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान राहत देने के मामले में बड़ा पैसा भी मांगा जा रहा है।

मद्दा के बयान पर अब शहर के कई बड़े जमीन कारोबारी तो निशाने पर आ जाएंगे तो वहीं त्रिशला गृहनिर्माण के मामले में दिवालिया हुए परिवार के सदस्य मनीष सहारा द्वारा स्कीम नं. १४० में जमीन लेने के लिए दिये गये पंद्रह करोड़ रुपये भी अब जांच के दायरे में आ जाएंगे। इसी के साथ इस पूरे लेनदेन को करवाने वाले दलाल गोलू पाटनी से भी अब ईडी पूछताछ की तैयारी कर रही है। पहले छापे में ही मनीष सहारा के दीपक मद्दा से हुए जमीन सौदे के दस्तावेज जब्त किये जा चुके हैं।

ईडी द्वारा अब उन जमीनों की जांच शुरु की जा रही है जिनके सौदे बहुत औने पौने में किये गये थे। उल्लेखनीय है कि दीपक मद्दा के साथ शहर के कई बड़े नामचीन कारोबारी जिसमे नितेश चुघ से लेकर पिंटू छाबड़ा और ओमप्रकाश वाधवानी से लेकर केशव नाचानी तक शामिल है।

अयोध्यापुरी में सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी और मुकेश खत्री के साथ भी दीपक मद्दा की हिस्सेदारी दस्तावेजों में सामने आई है। दीपक मद्दा के खिलाफ पुलिस ने ३ अप्रैल को ही ४.८९ करोड की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। land mafia indore

इसके अलावा कल्पतरु संस्था की जब वह १९९७ से १९९९ तक अध्यक्ष था तब निपानिया की जमीन जिसका सर्वे नंबर ३१/५/६/७/८ के अलग अलग टूकड़े कमल बाफना, अनिल गुजराती, कमलेश बागरेचा, प्रकाश गुप्ता, अशोक मंगल, अजय गोयल, चेतना जैन, नितेश चुघ को बेची थी। इस संस्था की ३० एकड़ से ज्यादा की जमीन मात्र १ करोड़ ४३ लाख रुपये में बिक गई। अधिकांश जमीन ५ रुपये प्रतिवर्गफीट के भाव से बेची गई।

जमीनों की रेवड़ी की तरह खरीदी में कई दिग्गज शामिल रहे इसमे जयसिंह झाबुआ ने ५१ हजार रुपये में खजराना की ३०३ सर्वे नंबर की ०.३८ एकड़ जमीन और एक अन्य सर्वे नं ४४६ की ०.४६ एकड़ जमीन खरीदी थी तो दूसरी ओर दीपक मद्दा के भाई ने मात्र ३८७०० रुपये में खजराना के सर्वे नं. ३०३ की ०.३० एकड़ जमीन मार्च १९९७ में खरीदी थी।

यशवंत क्लब के पूर्व सचिव संतोष बाघले ने बिचौली में सर्वे नं. ४४६ की ०.३४ एकड़ जमीन २००५ में मात्र डेढ़ लाख रुपये में ली थी तो खजराना के सर्वे नंबर ४४६ की एक एकड़ जमीन २००६ में प्रतीक संघवी ने पांच लाख रुपये में और उनके पिता सुरेंद्र संघवी ने कनाड़िया के सर्वे नं. ८८० में ५.२३ एकड़ जमीन मात्र पांच लाख रुपये में ली थी यानी २.५० पैसे प्रतिवर्गफीट के हिसाब से जमीनों के लेनदेन होते रहें।

Also Read – Shocking: जमीनों के जालसाज चंपू अजमेरा की पत्नी योगिता मुख्यमंत्री से नारी सम्मान ले आई!

प्लाटों की जमीनें हड़पकर बन गये है शहर के इज्जतदार

जिन लोगों ने शहर के उन तमाम मेहनतकश और ईमानदार लोगों की पूंजी से खरीदे गये रहवास के छोटे भूखंडों का हक मारकर अपने करोड़ों के महल खड़े कर लिये हैं उनके बारे में भी जान लेते हैं। इसमे मनीष सहारा के परिवार की रुची सोया का दिवालीया होने के बाद यह कंपनी पतांजली ने खरीदी थी। बैंकों का अरबों रुपया इसमे समझौते में डूब गया। इधर दिवालिया परिवार भी अरबपति हो गया। land mafia indore

दूसरी नंबर पर पिंटू छाबड़ा जो इस शहर में लगभग सभी बड़े माल के मालिक है इसके अलावा शहर के बाहरी क्षेत्र में अरबों रुपयों की जमीनों के मालिक भी कहलाते हैं। सबसे बड़ा घोटाला दीपक मद्दा ने मनीष सहारा और गोलू पाटनी के साथ मिलकर त्रिशला गृहनिर्माण की जमीनों में किया।

त्रिशला $गृहनिर्माण संस्था की जांच तात्कालिन कलेक्टर मनीष सिंह की कार्यकाल में जब की गई थी तब पाया गया था कि इस संस्था में सदस्य ही नहीं है। स्कीम नं. १४० में २० एकड़ जमीन पूरी तरह सदस्यों को दरकिनार कर खरीदी गई है।

मनीष सहारा को यह जमीन दिलाने वालों में शहर के बड़े जमीनों के जालसाज गोलू पाटनी की बड़ी भूमिका रही थी क्योंकि इस जमीन के लेनदेन में दो नंबर में ही उन्हें करोड़ों रुपये की दलाली भी मिली थी। दीपक मद्दा मनीष सहारा और गोलू पाटनी के खातों की जांच में भी यह पाया गया है कि इनके बीच लेनदेन हुआ है।

You might also like