कथा कारोबार में खर्च हो गये नेताओं के चालीस करोड़ रुपये तक
अगले तीन माह में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के कई आयोजन होंगे
इंदौर। एक ओर जहां शहर में धर्म की गंगा जमकर बह रही है। देशभर के माने हुए कथावाचक यहां अपनी कथाएँ कर रहे हैं। पं. प्रदीप मिश्रा से लेकर बागेश्वर धाम महाराज की दो से तीन कथाएँ अलग अलग हो चुकी है। दूसरी ओर विधानसभा चुनाव के पहले हिन्दुत्व का पाठ पढ़ाने का बड़ा अभियान इन्हीं कथा पांडालों से प्रारंभ होगा। आने वाले तीन महीनों मेें छह से अधिक बड़ी कथाएँ होगी। कथाओं पर होने वाले खर्च को लेकर जो आंकलन सामने आ गये हैं वह बता रहे हैं कि कथा कारोबार में भी करोड़ों की कमाई कथा वाचकों को हो रही है।
चढ़ावे और अन्य पैसे के बंटवारे का मामला कथा आयोजित करने वाले संयोजकों से बातचीत के बाद तय होता है। हालत यह भी है कि व्यासपीठ पर चढ़ाने वाला पैसे और आरती में आने वाले पैसे का भी बंटवारा होता है। बड़े पंडितों की कथा पर तीन से पांच करोड़ रुपये का खर्च आता है। यानि इंदौर में डेढ़ माह में लगभग ४० करोड़ रुपये से ज्यादा कथाओं पर खर्च हो चुके हैं। कथाओं से किसे कितना लाभ हुआ इसका कोई आंकलन किसी भी आयोजक के पास नहीं है।
शहर में कथाओं को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के बड़े नेता यह समझ रहे हैं कि हिन्दुओं के वोटों पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए इसी प्रकार की कथाओं का आयोजन करना होगा और इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में भी कथाओं का दौर शुरु हो गया है। अभी पिछले दिनों क्षेत्र क्रमांक ५ में कांग्रेस के पूर्व विधायक और अगले चुनाव में विधानसभा के दावेदार सत्यनारायण पटेल तिलक नगर में भव्य कथा करवा चुके हैं। वहीं इसके पूर्व क्षेत्र क्रमांक १ में सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा की कथा हो चुकी है। पं. प्रदीप मिश्रा की इंदौर में पांच कथाएँ हो चुकी है इसमे चार कथाएँ कांग्रेस नेताओं के कोटे में हुई है एक कथा क्षेत्र क्रमांक दो में रमेश मेंदोला के झंडे तले हो चुकी है।
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