Land Mafia Indore: दीपक मद्दा: 75 करोड़ की देनदारी और सभी जमीनें अब विवाद में उलझी

शहर के करोड़पतियों ने दे रखे हैं करोड़ों रुपये उधार, परिवार की हालत भिखारी से बदतर

Land Mafia Indore: Deepak Madda: Liability of 75 crores and all the land now embroiled in dispute
Land Mafia Indore: Deepak Madda: Liability of 75 crores and all the land now embroiled in dispute

इंदौर। शहर में भूमाफियाओं के नाम से बदनाम हो चुके भूमाफिया के जीवन को यदि झांककर देखा जाएगा तो यह पता लगेगा की थोड़े से लाभ और गलत लोगों के बीच व्यक्ति कैसे उलझता है और पैसे के लालच में लगातार अंधा होता जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण दीपक सिसौदिया उर्फ दीपक मद्दा है जो पिछले डेढ़ माह से जमीनों की हेराफेरी में सेंट्रल जेल में सजा भोग रहा है। अब ईडी के चंगूल में भी उलझ गये है।

पानी की तरह करोड़ों रुपये हवा में उड़ाने वाले आज धेले धेले को मोहताज हो गये है। जिन लोगों के भूखंड पर अय्याशी कर रहे थे उनकी बद्दुआएँ ऐसी लगी है कि अब आगे का जितना भी जीवन बचा है या तो अदालतों के दरवाजे पर कटेगा या जिन्हें पैसे देने है उनके दरवाजे पर काटना होगा। १९९५ वें में प्रापर्टी में दलाली से अपना जीवन शुरु करने वाले दीपक मद्दा पर आज ८० करोड़ से ज्यादा की देनदारी तो है ही इसके अलावा ब्याज से भी बड़ी राशि उठा रखी है। परिवार की हालत यह है कि वह हर दिन सुबह से संघर्ष के साथ जीवन प्रारंभ कर रहा है। Land Mafia Indore

दीपक मद्दा (deepak madda) १९९५ में एक ईमानदार दलाल के रुप में जाने जाते थे। बाद में दलाल से कालोनाइजर बनने में उन्हें पांच साल लगे और अगले पांच साल में वे भूमाफिया बनना शुरु हो गये। ऐसे में जमीनों के बड़े कारोबारियों के हाथों में खेलने लगे और उसे लगा कि वह अब अरबपति बनने जा रहा है। जिन लोगों ने दीपक मद्दा को संरक्षण दिया और पैसा कमाने की कोशिश की उसमे छिंदवाड़ा से इंदौर आये गोलू पाटनी की सबसे बड़ी भूमिका है। अभी ईडी में भी गोलू पाटनी का नाम पूछताछ के लिए आया है। Land Mafia Indore

इसके साथ ही स्कीम नं. १४० में त्रिशला गृहनिर्माण की जमीन को गोलू पाटनी ने मनीष सहारा को पंद्रह करोड़ रुपये में उतार दिया। इस मामले में विवाद भी हुए। इसके बाद दीपक मद्दा के साथ जमीनों में हिस्सेदारी करने वालों में अरुण मामा का नाम सबसे ऊपर है जो इंदौर में अगरबत्ती का कारोबार भी दिखाने के लिए करते हैं और यहीं से दीपक मद्दा ने संस्थाओं की जमीनों में बड़ी हेराफेरी शुरु कर दी इसमे अयोध्यापुरी की जमीन भी शामिल है।

दीपक मद्दा को जहां एक ज्वेलर के पंद्रह करोड़ रुपये देने है तो वहीं राजमोहल्ला के एक कारोबारी को भी पंद्रह करोड़ रुपये देने हैं। १२ करोड़ रुपये एक अग्रवाल फैमेली के है इसके अलावा वर्तमान मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक पुत्र भी कई जगहों पर जमीनों में हिस्सेदार है। इसके साथ ही हीना पैलेस में दो बड़े अखबारी घरानों से भी लेनदेन उलझा हुआ है।

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दीपक मद्दा की पत्नी एक करोड़पति क्लब की सदस्य भी है। इसमे एक करोड़ रुपये देकर ही सदस्यता मिलती है। पिछले दिनों दीपक मद्दा के घर से जब्त हुए ४२ लाख रुपये में से पत्नी अपने जेवर गिरवी रखकर यह राशि कोर्ट प्रकरण और देनदारी के लिए ब्याज पर लाई थी। परंतु अब यह मामला और उलझ गया। अब यदि दीपक मद्दा जेल से छूट भी गये तो आने वाला समय उनके लिए कैसा होगा यह उन तमाम भूमाफियाओं को देखना चाहिए जो सदस्यों के भूखंड नहीं देकर इस शहर में अय्याशी का जीवन जी रहे हैं।

इधर ईमानदारी और मेहनत की कमाई से भूखंड की किश्ते भरने वाले लोग बीस साल बाद भी संघर्ष कर रहे हैं। इसमे दूसरा नंबर चंपू अजमेरा का है जिन्होंने जैन मुनियों को लाकर बिकी हुई कॉलोनी में फिर से प्लाट बेचने का धंधा किया अपने कर्मों से अपनी पत्नी को तो जेल भेजा ही अपने पिता को भी जेल पहुंचा दिया। जब तक पत्नी और पिता जेल में चक्की पीस रहे थे उस वक्त चंपू अजमेरा गोवा के क्लबों में जुआं खेलकर अपना समय गुजार रहे थे।

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