इंदौर। अंतत: दीपक जोशी की वापसी के लिए भाजपा संगठन के बड़े नेताओं द्वारा किये गये प्रयास धूल धूसरित हो गये। आज वे कांग्रेस की सदस्यता ले रहे है। इसी के साथ ६ और स्तम्भ भाजपा के हिलने लगे हैं। हर पंद्रह दिन में अब बड़े नेताओं का कांग्रेस में जाना बना रहेगा और सबसे बड़ा मामला सामने आयेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गये विधायकों में से एक हारे हुए विधायक और एक जीते हुए विधायक वापस कांग्रेस में लौटेंगे और इसी के साथ वे भाजपा द्वारा सरकार गिराये जाने के सारे मामले को उजागर करेंगे यह भी बतायेंगे कि किसको कितने पैसे दिये गये हैं और किन्हें पैसे नहीं मिले है।
जो भाजपा नेता कांग्रेस में जा रहे हैं उन सभी की शिकायत एक समान है कि संगठन ने उनकी बात नहीं सुनी और जो लोग अभी संगठन के सर्वेसर्वा बने हुए हैं उन्हें मध्यप्रदेश की जमीनी जानकारी नहीं है। इसमे मुरलीधर राव भी शामिल है जो केवल कार्यकर्ताओं की सुनने के बजाए अपनी ही बात कहने में लगे रहते हैं।भाजपा में इन दिनों बड़ी उथल पूथल मची हुई है। तमाम दावों के बाद भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी कांग्रेस में जा रहे हैं। कल देर रात तक उन्हें मनाने के लिए खुद मुरलीधर राव इंदौर भाजपा कार्यालय में लगे रहे। परंतु वे कोई आश्वासन नहीं दे सके। इस समय भाजपा में फैसले लेने के लिए कोई भी अधिकृत नहीं है। साथ ही ऐसा एक भी नेता सामने नहीं है जिसे लेकर कार्यकर्ता अपनी बात कर सके। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस समय भाजपा संगठन के उपर जो लोग थोपे गये हैं वे भाजपा के ही कार्यकर्ताओं और नेताओं से पूरी तरह परिचित नहीं है। अधिकतम शिकायत मुरलीधर राव और जामवाल की कार्यप्रणाली को लेकर बनी हुई है।
दूसरी ओर दीपक जोशी के जाने के बाद अब हर पंद्रह दिन में भाजपा का एक स्तम्भ खसकना शुरु होगा। लंबे समय से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत भी शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन लोगों ने उन्हें हरवाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में उन्हें खड़े होकर हरवाया भाजपा के ही कुछ नेताओं ने उन्हें ईनाम के रुप में कैबिनेट मंत्री का दर्जा तक दिलवा दिया और धार में बातचीत के लिए भी उन्हें नहीं बुलाया था। शेखावत ने खुद पत्रकारों से कहा कि सिंधिया के भाजपा में आने से भाजपा मजबूत नहीं कमजोर हुई ये सभी लोग अपने स्वार्थ के लिए पार्टी में आये हैं और इन्होंने पार्टी की विचारधारा और पार्टी की जड़ों को खोखला कर दिया है। सिंधिया के साथ आये मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के मामले तक सामने आ गये हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक हालत क्या होगी?
भाजपा के ही एक ओर वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि अगले दो से तीन महीनों के अंदर ग्वालियर अंचल के दो बड़े भाजपा नेता के अलावा सिंधिया के साथ भाजपा में आये एक पूर्व विधायक और एक और विधायक कांग्रेस के दरवाजे पर जा रहे हैं। संगठन को इसकी भनक भी नहीं है और यह दोनों ही भाजपा द्वारा सरकार गिराये जाने में खर्च किये गये पैसों का भी हिसाब देंगे। इससे भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। ग्वालियर अंचल के एक बड़े नेता कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं। दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी संगठन की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठा चुके है। उन्होंने संगठन को आईना दिखाते हुए कार्यकर्ताओं के दिल की बात कही है। इस मामले में भाजपा के संगठन के एक बड़े नेता का कहना है कि भोपाल में बैठे अधिकारी मुख्यमंत्री को १३० सीटें जिताने का दावा कर रहे हैं जबकि कार्यकर्ताओं से कोई जानकारी नहीं जा रही है। जमीनी हकीकत कुछ और बनी हुई है। अगले कुछ दिनों में सभी को कर्नाटक चुनाव के परिणामों का इंतजार है। यदि यहां पर परिणाम विपरित आये तो बड़ी भगदड़ भाजपा में देखने को मिलेगी।