बाकलीवाल लवाजमे के साथ भोपाल पहुंचे, दिखाई ताकत

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इंदौर। कल मात्र डेढ़ घंटे के लिए कांग्रेस के नगर अध्यक्ष बने अरविंद बागड़ी को नियुक्ति देने वाले और दिलाने वाले धाकड़ नेताओं को अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के सामने घुटने टेकना ही पड़े। हालांकि अरविंद बागड़ी की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के दो खेमे नियुक्ति का ऐलान होते ही मैदान में उतर गए थे। विरोध के साथ पुतले भी जला रहे थे, जिन्हें विनय बाकलीवाल के संरक्षण का आरोप भी लग रहा था। कल जहां पूर्व पार्षद गोलु अग्निहोत्री इस नियुक्ति के विरोध में अपने 6 पार्षदों के साथ भोपाल गए थे, तो वहीं आज 32 कारों का काफिला लेकर अपनी ताकत का परिचय देने के लिए विनय बाकलीवाल भोपाल रवाना हो गए हैं। हालांकि उनके साथ इंदौर के स्थापित नेताओं ने दूरी बना रखी है, पर पूर्व मंत्री सजन वर्मा के समर्थक साथ में गए हैं। इससे माना जा रहा है कि सजन वर्मा के किसी भी समर्थक को प्रदेश समिति में जगह नहीं मिलने के कारण इस विरोध में वह भी पीछे से हवा दे रहे हैं। मजेदार बात यह है कि पिछले दिनों विनय बाकलीवाल की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस के ही नेता अनूप शुक्ला ने विरोध कर पुतला जलाया था, तो उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस जारी हो गया था।

इंदौर में इस समय कांग्रेस तमाम नेताओं के अहंकार की लड़ाई में बर्बाद होती जा रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं के अपने हित और संगठन पर अपनी पकड़ रखने को लेकर सारे झगड़े सड़कों पर ही हो रहे हैं। पिछले दो साल से कांग्रेस की छोटी-छोटी लड़ाइयां सड़कों पर ही लड़ी जा रही है और अब स्थिति यह हो गई है कि कांग्रेस के नेताओं को भाजपा से लड़ने से पहले कांग्रेस में ही लड़ाई लड़नी पड़ रही है। अरविंद बागड़ी की नियुक्ति के पीछे राऊ के विधायक जीतू पटवारी के अलावा संजय शुक्ला और शोभा ओझा की भी सहमति थी। नई नियुक्ति में सजन वर्मा के समर्थकों को कहीं जगह नहीं दी गई और इसी के चलते इंदौर में नियुक्ति को लेकर सारी लड़ाई सड़क पर आ गई। अब आने वाले समय में इसका असर संगठन की कसावट पर तो पड़ेगा ही, साथ ही कांग्रेस के बड़े नेताओं को यह भी समझ में आ गया कि इंदौर के फैसले भोपाल में बैठकर नहीं हो पाएंगे।
कल कांग्रेस के नेता गोलू अग्निहोत्री भोपाल में अपना विरोध 6 पार्षदों के साथ दर्ज करवा आए थे तो आज विनय बाकलीवाल अपनी ताकत बताने के लिए 32 कारों के काफिले के साथ भोपाल पहुंच रहे हैं। बाकलीवाल के साथ जाने वालों में एक भी पार्षद शामिल नहीं है। विनय बाकलीवाल के समर्थक फूलसिंह जो कि एसटीएसटी के अध्यक्ष है और शैलेष गर्ग जो अरविंद बागडी के घोर विरोधी है। वे कल भी गए थे और आज भी गए है। विनय बाकलीवाल ने जीतू पटवारी, शोभा ओझा, संजय शुक्ला के आगे सिद्ध कर दिया कि वे अभी भी सब पर भारी हैं। हालांकि यह लड़ाई आने वाले समय में और भी ज्यादा तेज हो जाएगी।

अब दोनों ही नहीं, तीसरे विकल्प पर तैयारी शुरू

शहर में हुई अरविंद बागड़ी की नियुक्ति और होल्ड करने के बाद अब विनय बाकलीवाल भी इस पद पर लम्बे समय नहीं रह पाएंगे। अगले कुछ ही दिनों में तीसरे विकल्प पर भी तैयारी शुरू की जा रही है। इसमें किसी वरिष्ठ नेता को अभी कांग्रेस अध्यक्ष की कमान दिए जाने को लेकर विचार किया जा रहा है। इसमें अश्विन जोशी, छोटे यादव, छोटू शुक्ला, सुरेश मिंडा के नाम पर भी गंभीरता से विचार चल रहा है।हालांकि यह लड़ाई आने वाले समय में और भी ज्यादा तेज हो जाएगी।

जीतू पटवारी की चाल नाकाम, कमलनाथ का यूटर्न

राऊ विधानसभा के विधायक जीतू पटवारी इंदौर में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता बनना चाहते हैं। इस दिशा में उनकी चौसर नाकाम हो गई। डायरेक्ट हाईकमान से कनेक्ट होकर अरविंद बागड़ी को कांग्रेस पार्टी का जिला अध्यक्ष बनवाया था। कमलनाथ ने बागड़ी की नियुक्ति को होल्ड करवा दिया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा रविवार को मध्य प्रदेश के 64 जिला अध्यक्षों के नाम घोषित किए गए थे। इसी लिस्ट में अरविंद बागड़ी को इंदौर शहर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। बताया जा रहा है कि बागड़ी की नियुक्ति जीतू पटवारी द्वारा डायरेक्ट हाईकमान के कनेक्शन से करवाई गई थी। इस मामले में प्रदेश के प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने जब कमलनाथ से पूछा कि यह नियुक्ति आपने कैसे की तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की और इसी के बाद नियुक्ति रुकी।

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