पत्रकारिता की पवित्र परंपराओं और निर्वहन के संकल्प का दिन सभी का आभार

२७ नवम्बर 1980 को दैनिक दोपहर के रूप में हमारे प्रणेता और संस्थापक ने पत्रकारिता की पवित्र परंपराओं के निर्वहन करने के लिए संकल्प के रूप में इसका प्रकाशन शुरू किया था। उन्हीं संकल्पों के निर्वहन के 41 वर्ष पूरे होने का दिन है। निश्चित रूप से इस अखबार की परिकल्पना में ही पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों और स्वस्थ पत्रकारिता को अपना मूल आधार माना। इस दौरान स्थानीय स्तर से प्रदेश स्तर तक स्थापित होने के दौरान 41 साल के इस जीवन में अखबार ने कई चढ़ाव-उतार के बाद भी पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया। जो भी संसाधन उपलब्ध थे, उन्हीं को लेकर अपने पाठकों को अपनी अमानत मानते हुए और उनका सम्मान रखते हुए इस प्रयास को निरंतर जारी रखा। निश्चित रूप से यह यात्रा आसान नहीं थी, पर अखबार के संस्थापक स्व. विद्याधर शुक्ला के सिद्धातों और मानदंडों का पूरी तरह सम्मान किया गया। अखबार ने आम लोगों के मन में एक विशेष पहचान बनाई है और इसका श्रेय उन पाठकों को है जिन्होंने कारोबारी पत्रकारिता को कभी स्वीकार नहीं किया। हमने कभी भी खबरें बनाने की कोशिश नहीं की हमने खबरें आप तक समय से पहले देने की कोशिश सदैव रखी। अब पत्रकारिता में कई बदलाव हो रहे हैं। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों की भरमार के बीच आप तक हम वे खबरें पहुंचा रहे हैं जो आप तक नहीं पहुंच पाती थी। अखबार ने अपने साथ कई बदलाव भी किए हैं। इसमें आम आदमी से जुड़े सबसे प्रमुख मसले, सबसे प्रमुख बाजार में हो रही हलचल और चढ़ाव-उतार को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया जा रहा है साथ ही राजनीतिक और सामाजिक बदलाव के साथ ही सांस्कृतिक संरक्षण को लेकर भी पहल की जाती रही है। आज दैनिक दोपहर में मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित अखबारों में अपना नाम स्थापित किया है। दैनिक दोपहर के पास 12 लाख से अधिक नियमित पाठकों का समूह है वहीं दो लाख से अधिक लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नियमित रूप से इसे पढ़ते हैं। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों में रहने वाले इंदौरी नागरिक भी शामिल हैं। हम अपने पाठकों और शुभचिन्तकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि दैनिक दोपहर की पत्रकारिता सदैव पारदर्शी रहेगी और इस लंबी यात्रा में आप का साथ दोपहर परिवार को सदैव मिलता रहा इसके लिए हम अपने सभी पाठकों, शुभचिन्तकों और आलोचकों को धन्यवाद देते है।

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