इंदौर। आज तड़के नगर निगम ने एबी रोड पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नक्शे के विपरित एमओएस में बने अवैध निर्माण को तोड़ा। इस बिल्डिंग में नक्शे के विपरित भवन की ऊंचाई भी ज्यादा कर दी गई थी। पिछले कई दिनों से इस बिल्डिंग के पूर्णता प्रमाण पत्र को लेकर लाखों रुपए घूम रहे थे परंतु निगम आयुक्त के सख्त रवैये के कारण इस मामले में कोई हाथ डालने को तैयार नहीं था। दूसरी ओर शहर में मंजूरी के विपरित बनाई गई इमारतों को गिराने का बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है।
इधर निगम के सूत्र बता रहे हैं कि एमजी रोड पर शिव कोठी का 50 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह नक्शे के विपरित जाकर निर्मित किया गया है। इसमें कई दुकानें नक्शों के विपरित एमओएस में बनी हैं। दूसरी ओर इस भवन के पूर्णता प्रमाण पत्र को लेकर भोपाल तक करोड़ों रुपए घूम चुके हैं। इसके बाद भी पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं हो सका। पूर्व निगमा आयुक्त ने भी इसके अवैध निर्माण को चिन्हित कर तोड़ने के लिए बिल्डर से कहा था जब उन्होंने पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए राजनैतिक दबाव बनाया था। इधर इंदौर का सबसे बड़ा अवैध निर्माण जो नक्शे के विपरित खड़ा है, वह दवा बाजार का है। यहां के अवैध निर्माण में दो मंजिला पूरी तरह अवैध होने के साथ सरकारी जमीन के नीचे तलघर बनाकर 100 से अधिक दुकानें निकाल कर बेच दी गई हैं।
आज नगर निगम ने एबी रोड पर सुबह कार्रवाई करते हुए दो निर्माणाधीन शोरूम के अवैध निर्माण को सुबह 5 बजे कार्रवाई कर तोड़ा। 30 हजार वर्ग फीट पर दो प्लाट जोड़कर यहां पर निर्माण किया गया था। इस भवन के पूर्णता प्रमाण पत्र को लेकर नगर निगम के महापौर और उसके पहले निगम आयुक्त पर दबाव के साथ लाखों रुपए घूम रहे थे परंतु कोई सफलता नहीं मिली।
इधर दूसरी ओर शहर में अवैध निर्माणों और मंजूरी के विपरित किए गए निर्माणों में सबसे बड़ा अवैध निर्माण दवा बाजार का है जिसे तोड़ने को लेकर नगर निगम द्वारा की जा रही कार्रवाई पर अदालत से स्टे ले लिया गया था। 15 साल हो गए नगर निगम ने इस स्टे को आज तक खारिज नहीं कराया। जबकि नगर निगम की ही रिपोर्ट में बताया गया था कि इस भवन के तलघर में सरकारी जमीन तक दुकानें बनाकर बेची गई हैं। इसके अलावा पूरा पार्किंग अभी सड़क पर ही हो रहा है।
ऊपर की दो मंजिला पूरी तरह अवैध है। इस बिल्डिंग का भी पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं है। इधर एमजी रोड पर ट्रेजर आईलैंड के सामने शिव कोठी पर बने व्यावसायिक भवन ने सारे रेकार्ड तोड़ दिए हैं। यहां पर 30 प्रतिशत कम्पाउंडिंग यदि नए नियम से हो भी जाए तो भी भारी निर्माण जो नक्शे के विपरित हुआ है, तोड़ना पड़ेगा। इस भवन की पहली और दूसरी मंजिल पर बनाई गई दुकानों की रजिस्ट्रियां भी नहीं हो रही है।
कारण नक्शे में वे नहीं बताई गई हैं। इस व्यावसायिक भवन के पूर्णता प्रमाण पत्र को लेकर भोपाल में बड़ी रिश्वत दी गई थी परंतु तात्कालीन निगम आयुक्त ने इस भवन को पूर्णता प्रमाण पत्र देने से दो टूक इनकार कर दिया। उस वक्त भी इस भवन में बड़ी तोड़फोड़ बताई गई थी। अब यह अवैध निर्माण भी बिना पूर्णता प्रमाण पत्र के खड़ा हुआ है।