सुलेमानी चाय: अना की लड़ाई में फना का खतरा…दुबे बन कर लौटे चौबे…कंजूसी का ओलंपियाड
अना की लड़ाई में फना का खतरा
आईके सोसायटी का अब अल्लाह ही मालिक है। अगर घर के भेदी ही लंका ढाने में लग जाएं तो लंका लगना तय है। पिछले कुछ सालों से अकबर एहमद शिकायते लगा रहे है और अपनी टीम के साथ आई के का बेड़ा गर्त करने में लगे हुवे है। पलासिया पर आई के स्कूल की लीज 2013 से निरस्त है। सेटिंग और तिकड़म से काम चल रहा था और चलता चला आ रहा है। मगर इस बार जो चुनाव हुए उसने दिलों की दूरी इतनी बढ़ा दी कि कौम का फायदा नुकसान भी दरगुजर करते हुए दोनों गुट एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं।
पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह के भी ऐसे कान भरे गए कि जाते जाते वे लिख गए आई के लीज निरस्त है और इसे रिन्यू नहीं किया जाना चाहिए। जब अपने खिलाफ प्रशासनिक हलचल होते नजर आई तो चुनाव में कामयाब हुआ गुट दादा के सहारे सचिव शहर काजी इशरत अली को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास पहुंच गए। दुहाई दी गई कि हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। लीज रिन्यू की जाए। मुख्यमंत्री हंस कर मिले, मुस्कुराकर विदा किया। अगले दिन मुस्लिम समाज का एक ओर तबका लीज ओर अवैध निर्माण की शिकायत लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंच गया। कहने लगे कि लीज भी रिन्यू नहीं होना चाहिए और अवैध निर्माण भी टूटने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा लीज का मसला तो टेक्निकल है, मगर आप चिंता ना करें अवैध निर्माण ज़रूर टूटेंगे। इनसे भी हंस कर मिले और मुस्कुरा कर विदा किया। दूसरा गुट भी खुश है कि उसने अपनी कोशिश भर के रायता तो ढोल ही दिया है। देखना है अब क्या होता है।
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