ईडी और सीबीआई पहुंचे बिहार-झारखंड, 100 करोड़ के खनन घोटाले में 24 ठिकानों पर छापे

सत्ता का खेल : बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले नेताओं पर बड़ा शिकंजा

नई दिल्ली (ब्यूरो)। बिहार में भाजपा-आरजेडी गठबंधन टूटने के बाद जैसा अनुमान था वैसे ही बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप आरजेडी नेताओं ने लगाया है। आज सुबह से ही ईडी और सीबीआई की कई टीमों ने बिहार, झारखंड, तमिलनाडु समेत 24 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। 100 करोड़ से ज्यादा के खनन घोटाले तथा तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के कार्यकाल में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है।

आरजेडी नेताओं का आरोप है कि ईडी और सीबीआई केन्द्र के इशारे पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। तमिलनाडु में तृणमूल कांग्रेस नेता के घर ईडी ने छापा मारा था, लेकिन उसके भाजपा में शामिल होते ही मामला रफा-दफा हो गया। आज तक वह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के आठवीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है उससे पहले ही बड़ी कार्रवाई से राजनीति गरमा गई है।


बिहार और झारखंड में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी ने छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने जॉब के बदले जमीन मामले में पटना में आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह और राज्यसभा सांसद अशफाक करीम के यहां भी छापेमारी की है. बिहार में आरजेडी नेता यहां सीबीआई की छापेमारी ऐसे वक्त पर हुई, जब बुधवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है। वहीं, आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा, यह जानबूझकर किया जा रहा है. इसका कोई मतलब नहीं है।

वे यह सोचकर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करा रहे हैं कि डर के मारे विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे। उधर, ईडी भी एक्टिव हो गई है। ईडी ने झारखंड, तमिलनाडु, बिहार और दिल्ली में 24 ठिकानों पर छापेमारी की है. बताया जा रहा है कि ईडी ने ये कार्रवाई अवैध खनन और जबरन वसूली के मामले में छापेमारी हुई है। ये छापे प्रेम प्रकाश से जुड़े ठिकानों पर बताए जा रहे हैं. प्रेम प्रकाश के राजनेताओं के साथ मजबूत संबंध बताए जाते हैं।

झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद ये छापेमारी की गई है। दरअसल, ये मामला भर्ती घोटाले से जुड़ा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते जॉब लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे।

सीबीआई ने इसी मामले में जांच के बाद पिछले दिनों लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा यादव, हेमा यादव और कुछ ऐसे उम्मीदवारों पर केस दर्ज किया है, जिन्हें प्लॉट या प्रॉपर्टी के बदले जॉब दी गई। इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी. सीबीआई की यह कार्रवाई करीब 14 घंटे तक चली थी। ये छापे लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित जगहों पर ये छापेमारी की गई थी।

इस मामेल में सीबीआई ने जुलाई में बड़ी कार्रवाई करते हुए लालू यादव के पूर्व ओएसडी भोला यादव को गिरफ्तार किया था. इस दौरान सीबीआई ने बिहार के पटना और दरभंगा में चार ठिकानों पर छापे भी मारे हैं. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे. लालू यादव उस वक्त केंद्रीय रेल मंत्री थे. उसी समय रेलवे में भर्ती घोटाला हुआ था. आरोप है कि भोला यादव ही घोटाले का कथित सरगना है.

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