गुस्ताखी माफ़-जागी भाजपा में ज्वाला… ये क्या कर डाला…चेले धड़ाधड़ शक्कर हो रहे है…
जागी भाजपा में ज्वाला… ये क्या कर डाला…
भाजपा के ताकतवर नेता और छावनी क्षेत्र में अच्छी-खासी पैठ रखने वाले मनीष मामा के एक विज्ञापन ने भाजपा के चूले हिला दिए। ताड़ने वालों ने विज्ञापन को ताड़ने के बाद उसमें पाया कि पहली बार मनीष मामा के विज्ञापन में कैलाश विजयवर्गीय के साथ दिग्विजयसिंह, जीतू पटवारी, शोभा ओझा और प्रवीण कक्कड़ जैसे कांग्रेसियों के फोटो भी लगे हुए थे। यह विज्ञापन बिना भिया की सहमति के छपना जरा कठिन हैं, परंतु दूसरी ओर जिस तरीके से ज्योति बाबू के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा तेजी से बदल रहा है, वह भाजपा के स्थापित नेताओं को हजम नहीं हो रहा है। भाजपा के ही कार्यकर्ता बोलने लगे हैं कि अब भाजपा का नया नाम भारतीय जनता कांग्रेस पार्टी होगा। पिछले दिनों ज्योति बाबू ने अपने खास सिपहसालार मोहन सेंगर को नगर इकाई में जगह दिलाने को लेकर दांव-पेंच चले, उसके बाद से अब यह खींचतान सार्वजनिक हो गई है। ज्योति बाबू जब तक कांग्रेस में रहे, वे दिग्गी राजा के निशाने पर बने रहे। कारण महाराजा की राजनीति। अब वे भाजपा में हैं और यहां पर भी भाजपा के ही दिग्गज उन्हें पचा नहीं पा रहे हैं। भाजपा में अब हर जगह विवादों की स्थिति आने वाले समय में दिखाई देने लगेगी। पिछले समय समर्पण निधि को लेकर घर पहुंचे नेताओं को भजन सुनाते हुए मनीष मामा ने मोहन सेंगर को भाजपा से बाहर करने के लिए कहा था, परंतु बैसाखियों पर टिकी सरकार के कारण भाजपा के नेता हां-हां करने के बाद चुपचाप लौट गए, वहीं घनश्याम व्यास, जो भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता रहे, वे जयप्रकाश चावड़ा की नियुक्ति के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हुए हैं। इधर, समर्पण निधि को लेकर गोलू उस्ताद यानी गोलू शुक्ला भी सुदर्शन गुप्ता से बैठक में ही दो-दो हाथ कर चुके हैं। उनका दावा है कि जितने पैसे सुदर्शन गुप्ता अपने घर से देंगे, उससे दोगुने पैसे वे समर्पण निधि में देंगे। भाजपाइयों को चिंता यह है कि अर्थव्यवस्था में गोलू पंडित वामन अवतार हैं। ज्यादा जरूरत पड़ी तो दो पग में ही सुदर्शन को पूरा नाप देंगे। भाजपा में अभी तो कई नियुक्तियां और होनी हैं। इन्हीं सबसे बचने के लिए गौरव बाबू ने नगर इकाई की भोंगली बनाकर सुरक्षित रख दी है। सार यह है कि…
कभी चिलमन से वो देखें
और कभी चिलमन से हम देखें
तो आग लगा दो ऐसी चिलमन में
न वो देखें, न हम देखें।
मत हिलाओ नींव के पत्थरों को…
पिछले दो दिनों से भाजपा के कद्दावर नेता और ग्रामीण क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले दिनेश मल्हार का धैर्य भी अब टूट गया है। इन्होंने फेसबुक पर तंज कसते हुए कहा है कि नींव के पत्थरों को मत हिलाओ, वरना किला ऐसा भरभराकर गिरेगा कि धूल के गुबार में कुछ नहीं दिख पाएगा। वैसे भी जोड़-जुगाड़ से सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि अन्य दलों के जो भी लोग भाजपा में आना चाहते हैं, उन्हें लाने के सारे प्रयास किए जाएं। चाल-चरित्र-चेहरे की बात अब गौढ़ हो गई है।
चेले धड़ाधड़ शक्कर हो रहे है…
भाजपा में गुरु के गुड़ रहने और चेलों के शक्कर होने की कथा अब तेजी से चल पड़ी है। इस मामले में कई उदाहरण सामने आ रहे हैं, परंतु राजनीति में उंगली रखकर अंगूठा जमाने के लिए किसी न किसी का चेला बनना जरूरी होता है। ऐसे में किसी जमाने में गुरु रहे पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा के सुदर्शन गुप्ता चेले हुआ करते थे। धीरे-धीरे उनमें शक्कर की संस्कृति आती गई और वे खुद गुरु हो गए। पुरातन परंपरा इसी को आगे बढ़ाती रहती है। अब उनके एक चेले और पूर्व पार्षद मनोज मिश्रा ने शानदार चौसर जमाते हुए सीधे मुख्यमंत्री से हॉटलाइन जोड़ ली तो दूसरी ओर कभी उनका मीडिया का काम संभालने वाले हर्ष नीमा ने अपने तार केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर से जोड़ लिए हैं। पिछले दिनों तोमर को घर बुलाकर उन्होंने छप्पन भोग खिला दिए, अब जब भोग लग ही गया है तो आने वाले समय में प्रसाद भी मिल ही जाएगा। हालांकि और भी कई चेले अब गुड़ को छोड़कर शक्कर बनने की तैयारियां पूरी कर चुके हैं।
-9826667063