गुस्ताखी माफ़-छाए रहे… झंडाबरदार…हो गए भिया के दर्शन…भाजपा के कहार…

छाए रहे… झंडाबरदार…
मूंछे हो तो…. और झांकी हो तो ज्योति बाबू जैसी… मानना पड़ेगा उनके जलवे में कोई कमी नहीं है। उनकी खींची हुई लाइन के पार अभी भी जाने की संभावनाएं कम ही है। कुछ ऐसा ही मामला गणतंत्र दिवस पर जिलों में झंडा फहराने के मामले में हुआ। मुख्यमंत्री और अन्य नेता चाहकर भी अपने चाहे गए क्षेत्र में झंडावंदन की तमन्ना पूरी नहीं कर पाए। क्षेत्र के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा जहां छिंदवाड़ा में झंडावंदन कर रहे हैं तो वहीं ज्योति बाबू के सभी समर्थक ग्वालियर अंचल पर अपना परचम लहराएंगे। तुलसीराम सिलावट ग्वालियर, गोविंद सिंह राजपूत भिंड, सुरेश धाकड़ दतिया, डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया शिवपुरी में मौजूद रहेंगे। अरविंद भदौरिया जो ग्वालियर-चंबल संभाग से उन्हें, सागर के कार्यक्रम में जाना है। वे ज्योति बाबू के समर्थक नहीं है। तो दूसरी ओर जिन 20 जिलों में कलेक्टर झंडावंदन करेंगे, उनमें ग्वालियर चंबल संभाग का एक भी जिला नहीं है।
सड़कों पर हंटर…
इस समय शहर में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की जुगलबंदी के बाद शहर में सख्त प्रशासन के दर्शन होने लगे हैं। मनीष सिंह के तेवर से जहां शहर के भूमाफिया कब्जे करने वाली, अतिक्रमण करने वाली प्रजातियां अब विलुप्त प्रजाति में शामिल हो गई है। जो बची हुई है वे केवल सांस लेने के लिए जी रही है। इधर दूसरी ओर नए पुलिस उपायुक्त महेशचंद जैन का हंटर भी सड़को ंपर दिख रहा है। बेतरतीब नंबरों की गाड़ियों का मामला हो या चौराहों से रंगबाजी के साथ वाहन निकालने में। लगभग सभी जगह पर कसावट के चलते अब कलाकार लोग सोचने लगे हैं कि एकाध मिनट रुकने से कोई तकलीफ नहीं है, फोकट चालान बनवाने के बजाय।
हो गए भिया के दर्शन…
अंतत: तमाम द्वार पर दस्तक देने के बाद कोरोना बाबू नंदानगर में भिया के दर्शन करने पहुंच ही गया। स्वाभाविक है चीन से चलकर आए और भिया के बिना मिले वापस लौट जाए, यह संभव नहीं है। देशभर में घूमने के बाद और दो लहरे निपटाने के बाद भिया के पास आना कोई मामूली बात तो नहीं है। बाकी सब दिग्गजों पर तो नजर पड़ते ही गले मिल गए थे, बाद में भले ही गले पड़ने का काम जारी रहा हो। भिया के दर्शनों के बाद अब यह पक्का हो गया है कि सामान समेटने का समय कोरोना बाबू का आ गया है। बाबू-बाबू में फरक होता है, पर समय के साथ सामान समेटने का काम तो सभी को करना पड़ता है। बताया जा रहा है भिया पूरी तरह स्वस्थ है। मुलाकात हो चुकी है। एक – दो दिन में कोरोना बाबू सामान समेट लेंगे।
भाजपा के कहार…
इन दिनों भाजपा कार्यकर्ता मोबाइल की घंटी बजते ही परेशान दिखाई देने लगते हैं, जब तक उन्हें नंबर की तसल्ली नहीं हो जाती। कारण यह है कि भाजपा कार्यकर्ता जो इन दिनों कहार की भूमिका में आ गए हैं, उन्हें कार्यक्रमों के लिए तैनात करने सूचना पर पहुंचना पड़ता है। कई नेता केवल इसी बांट को जोह रहे हैं कि किसी दिन तो सूचना आएगी कि आपकी नियुक्ति इस पद पर हो गई है, परन्तु अब पैरासूटी नेताओं के रहते हुए इसकी संभावना भी कम ही है।
-9826667063

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