गुस्ताखी माफ़-नाथ से संघियों की जुगलबंदी क्या गुल खिलाएगी…

नाथ से संघियों की जुगलबंदी क्या गुल खिलाएगी…
इन दिनों जो यह सोच रहे है कि कांग्रेस अगले चुनाव को लेकर कोई तैयारी नहीं कर रही है वे मान ले कि अब यह तैयारी आने वाले समय में दिखाई देगी। खासकर पांच राज्यों के चुनाव समाप्त होते ही सारा मामला मैदान में होगा। दूसरी ओर कमलनाथ ने प्रदेश इकाई के गठन की भी तैयारी कर ली है। इस बार जमीनी आधार पर कार्यकर्ता जोड़े गए है। वहीं दूसरी ओर सिंधिया के साथ भाजपा में गए कई दिग्गज में से सिंधिया की तर्ज पर ही कुछ को वापस लाने की तैयारी भी की गई है। इनमें से 2 से अच्छी खासी चर्चा हो चुकी है जो भाजपा के माहौल में अपने आप को नहीं ढाल पा रहे है। वहीं सिंधिया के कुछ समर्थक जो अब राजनीति से दूर हो गए है वे भी मैदान में उतारे जाए इसे लेकर कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश इकाई में 50 नेताओं को शामिल किया गया है तो दूसरी ओर कमलनाथ यह अच्छी तरह समझ रहे है कि अभी की गई कोई भी तैयारी बड़े पैमाने पर काम नहीं आएगी। अत: भाजपा में बढ़ रहे असंतोष पर नजर रखने के लिए संघ के पुराने दिग्गजों को भी जोड़ा गया है जो इन दिनों भाजपा के अंदर कार्यकर्ताओं में उबल रहे विद्रोह को तैयार कर रहे है। यानि केवल यह देखा जा रहा है कि नाराजगी की स्थिति कार्यकर्ताओं में कितनी बढ़ गई है। इसी के साथ यह भी देखा गया है कि अब भाजपा संगठन के कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं का कितना उत्साह है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में अगले चार महीने पूरी ताकत से आम लोगों को जोड़ने के लिए लगाया है। इसी के चलते संजय शुक्ला से लेकर जीतू पटवारी, विशाल पटेल भी अपने क्षेत्रों में दिख रहे है। अब इसके बाद बड़े खेल की तैयारी कांग्रेस करेगी। यह दावा कमलनाथ के करीबी कांग्रेस नेता का है। उनका दावा है कमलनाथ की ही पिछली रणनीति से सरकार बनी थी और एक बार फिर यही रणनीति काम आएगी। सिंधिया को भाजपा में ही पूरी तरह खाली हाथ करने की तैयारी हो चुकी है और भाजपा भी यही चाहती है कि सिंधिया जब भाजपा से मुक्त होने का प्रयास करे तो वे पूरी तरह खाली हाथ ही जा पाए। इसी के चलते उनके कई उम्मीदवार अगले चुनाव से मैदान में बाहर हो जाएंगे।
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