गुस्ताखी माफ़-कमलनाथ के किये की सजा भोग रहे कार्यकर्ता…

भाजपा के बड़े नेताओं का कहना है कि कमलनाथ के किए की सजा इन दिनों भाजपा कार्यकर्ता भोग रहे हैं। अच्छा-खासा कार्यकर्ता अब दाल-दलहन जैसा पिस रहा है। अभी भी उन्हें सबक सिखना चाहिए कि मनाने का क्रम जारी रखे। 2024 में उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करना पड़ेगी। इस समय भाजपा का कार्यकर्ता खुद ही अपने आपको बचाने के लिए कई मोर्चों पर इस समय संघर्ष कर रहा है। देव दुर्लभ कार्यकर्ता आने वाले समय में दुर्लभ हो जाएगा। उम्रदराज कार्यकर्ता आयुबंधन से लड़ रहा है। तो युवा कार्यकर्ता कांग्रेस से बिना विचारधारा के सत्ता के लाभ के लिए शामिल हुए नेताओं की भीड़ से लड़ रहा है। वहीं अब संघ के संगठन में आए पदाधिकारियों से भी उसे दो-दो हाथ करना होंगे, क्योंकि उन्हें भी सत्ता का सुख भोगने का आनंद चाहिए। कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर अटलबिहारी वाजपेयी तक संघ से संगठन पर आए नेता निर्लिप्त होते थे। उन्हें सत्ता से कोई लेना-देना नहीं रहता था। कुशाभाऊ ठाकरे तो ताउम्र लाल लाईट की गाड़ियों में नहीं बैठे थे, परन्तु अब मुँह में खून लग चुका है। इसके अलावा अन्य परिषदों से भी आने वाले नेता भी अब सत्ता में ही भागीदारी चाह रहे हैं। ऐसे में अब भाजपा आने वाले समय में कांग्रेसी नेताओं के साथ तालमैल और घालमेल के बीच पदों की रेबड़ी बांटने का काम कर इस शुचिता संस्कार की पार्टी का कांग्रेसीकरण करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। इसका उदाहरण है कि संगठन ही खड़े नहीं हो पा रहे हैं और इसी का खामियाजा कांग्रेस भोग रही है। वहीं नए युवाओं को वंशवाद की लड़ाई से भी अब जूझना होगा। भाजपा के नए संस्कारों में अब कार्यकर्ता अपना सम्मान लुटता हुआ देख रहा है। वह समझ गया है कि अब चापलूसी और परिक्रमा का नया दौर भाजपा में शुरू हो गया है और इसका उदाहरण ग्वालियर अंचल में जय-जयकार के नारे भाजपा में नई संस्कृति को जन्म देने जा रहे हैं। इसकी प्रसव पीड़ा के बाद नई भाजपा का जन्म होगा, वह पूरी तरह से कांग्रेसी संस्कारों से ओतप्रोत होगी। और इसका कारण कोई और नहीं कमलनाथ ही है।
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