गुस्ताखी माफ़- भाजपा में पट्ठावाद और संघ की साख को बट्टा लगाते पदाधिकारी माफी योग्य नहीं…
भाजपा में पट्ठावाद और संघ की साख को बट्टा लगाते पदाधिकारी माफी योग्य नहीं…
भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता संघ के लोगों को लाभ के पदों पर स्थापित करने के मामले में कितना व्यथित है उसका मजनून इस पत्र को देखकर लगाया जा सकता है। पत्र को बिना छेड़छाड़ दिया जा रहा है। यह पत्र भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरसंघचालक के अलावा प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को भेजा गया है। इसमें कई दिग्गजों के हस्ताक्षर भी अन्य पेजों में थे। जो यह भी बता रहा है कि संघ में बैठे पदाधिकारियों को भी अब सत्ता का आनंद आने लगा है और इसीलिए भविष्य में जब भी संगठन में संघ से नियुक्तियां होंगी तो यह मान लिया जाए कि वे पट्ठावाद के चलते कार्यकर्ताओं का हक मारकर पदों पर विराजित होते रहेंगे। जो भी हो इससे संघ की साख को भी धक्का लगा है। पत्र कुछ इस प्रकार है…
मान्यवर,
पिछले पचास सालों से सूचिता और संस्कार, चिंतन और मंथन करने वाली जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक कार्यकर्ताओं के सम्मान को जिस प्रकार से दरकिनार कर मु_ीभर संगठन मंत्रियों को प_ावाद के चलते जिस प्रकार मध्यप्रदेश में निगमों और मंडलों में अध्यक्ष के पदों पर सुशोभित किया गया है। वह कार्यकर्ताओं के लिए बेहद आपत्तिजनक है। इसके दो कारण है पहला संगठन मंत्रियों की मैदानी लड़ाईयों में कोई भूमिका नहीं रही वे अपने क्षेत्रों में राजा रजवाड़ों की तरह ही आम कार्यकर्ता से पेश आते रहें। पांच सितारा सुविधा में रहने के आदि हो जाने के कारण उन्होंने भाजपा के किसी भी आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित नहीं किया। वे संघ के मार्गदर्शन में काम करते रहे। चंद सालों के अंदर ही इन संगठन मंत्रियों ने सुहास भगत के नेतृत्व में इस कदर प_ावाद फैला दिया कि भाजपा के चिंतन, मंथन सब धरे रह गये। परिणाम यह हुआ कि रायशुमारी तक दरकिनार होती चली गई। इसके दो छोटे उदाहरण इंदौर में ही सामने है कि यहां पर सुहास भगत ने सारी रायशुमारी को नकारते हुए गौरव रणदीवे को सीधे नियुक्त कर दिया। इसी प्रकार की गंदगी देवास सहित अन्य जिलों में भी उन्होंने जारी रखी। वही अब संगठन महामंत्री के पद से हटाये गये देवास के जयपाल चावड़ा को इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनवा दिया। जबकि पिछले पंद्रह सालों से अधिक समय से पार्टी के लिए समर्पित इंदौर के ही कई कार्यकर्ताओं को इस मामले में अनदेखा किया गया। जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि चावड़ा को नियुक्त करना भी था कि उनके गृह जिले देवास में उन्हें निगम मंडल में जगह देनी थी। अगर यह परंपरा इसी प्रकार जारी रही तो कोई आश्चर्य की बात नहीं कि 2023 और 2024 में भाजपा के बर्तन और दरी उठाने वाले नहीं मिलेंगे। संघ और भाजपा संगठन के बड़े नेता चाहे तो इस मामले में उच्च स्तरीय जांच भी कर सकते हैं। मेरा आपसे आग्रह है कि मैं पार्टी में अपने जीवन के 38 से अधिक साल बिना किसी स्वार्थ के और बिना किसी पद के भाव के समर्पित कर चुका हूं। और आज भी एक बेहद छोटे मकान में अपने परिवार के साथ जीवनयापन कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यदि अब भी मैं नहीं बोला तो यह भाजपा के उन ईमानदार कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय होगा जिन्होंने अपना पूरा जीवन इस पार्टी को खड़ा करने में खत्म कर लिया है। मु_ीभर लोग पदों की रेवड़ी बांट कर पचास साल पुरानी मेहनत को इस प्रकार बर्बाद नहीं कर सकते। और सबसे ज्यादा दोषी आप है क्योंकि भाजपा के इस महायज्ञ में आहूति के साथ मिर्ची डालने वालों का साथ आप भी दे रहे हैं।
यह मत भूलिए की भाजपा की आने वाली पीढ़ी आपसे भी जब इन सब बातों का हिसाब मांगेगी तो आपकी आंखे शर्म से झुकी हुई नहीं होना चाहिए। वर्ना यह माना जाएगा कि अंधों के रेवड़ी बांटने में और सत्ता के आनंद का सुख उठाने के लिए विचारधारा विहिन लोगों के साथ मिलकर देश के विकास की बात करना बेहद घातक होगा। जब भी भाजपा का इतिहास लिखा जाएगा तो आपकी इस कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान बने रहेंगे। हमें अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा दिये गये संस्कारों का सम्मान करना चाहिए ना कि सत्ता की चाटुकारिता और दूसरों के चरित्र को गिराने का काम कर अपने आप को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अभी भी समय है यदि आप नहीं जागे तो 2024 के बाद आप सो नहीं पायेंगे।
-घनश्याम व्यास
भाजपा कार्यकर्ता
-9826667063