गुस्ताखी माफ़-जयचंद पा गए मंडल निष्ठावान के पास कमंडल…अर्चना के दांवपेंच भारी पड़े…

जयचंद पा गए मंडल निष्ठावान के पास कमंडल…
लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर भाजपा के देवदुर्लभ नेता निगम-मंडलों की नियुक्ति में खाली रह गए। यानि कहने वाले कह रहे है कि जयचंदों को मिल गए मंडल और निष्ठावानों के पास अब बचेंगे कमंडल। अब इंदौर में राह देख रहे नेताओं को यह मान लेना चाहिए कि उन्हें अब केवल संगठन में ही जगह मिल जाए, वही बहुत है। कल निगम-मंडलों में एक बार फिर ज्योति बाबू का परचम लहरा गया है। उन्होंने अपने तमाम समर्थकों को स्थापित करवा लिया। ज्योति बाबू ने अपने भक्तों को मजबूत निगम मंडलों की व्यासपीठ पर बैठा ही लिया। वहीं भाजपा के तमाम नेता खाली हाथ रह गए। इसमें बांट जोह रहे कृष्णमुरारी मोघे से लेकर गोपी नेमा, जीतू जिराती, मधु वर्मा और गोविंद मालू भी शामिल हैं, जो अब केवल इंदौर विकास प्राधिकरण में ही अपनी तमन्ना रख सकते थे, परंतु यहां पर जयपाल चावड़ा की नियुक्ति भाजपा के ही नेताओं को हजम नहीं हो रही है। उनका मानना है चावड़ा देवास के है उन्हें देवास में ही प्राधिकरण अध्यक्ष क्यों नहीं बना दिया गया। हालांकि इंदौर विकास प्राधिकरण में भी ज्योति बाबू के तीन नाम सबसे ऊपर हैं। उसके बाद जगह होगी तो फिर एक-दो की लॉटरी खुल जाए बहुत है या जिला और नगर इकाई की तरह यहां पर भी नियुक्तियां लटकी रहेंगी। दो साल बाद भी तुरंत फैसले लेने वाली पार्टी की हालत यह हो गई है कि अब वह फैसलों से पीछे हटने लगी है। जो भी हो, भाजपा को कार्यकर्ताओं की चिंता करने के बजाय अब केवल सत्ता बचाए रखने की चिंता ही रह गई है।
अर्चना के दांवपेंच भारी पड़े…
कांग्रेस में सूत्र बता रहे हैं कि कार्यकारी अध्यक्षों की परंपरा अब पूरी तरह समाप्त हो गई है। पिछले दिनों महिला कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अर्चना जायसवाल के साथ काम करने के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों का पेनल एआईसीसी को भेजा था, जिसमें नूरी खान, कविता पांडे, जमना मरावी और रश्मि पंवार के नाम थे। इन्हें बाद में हरी झंडी नहीं मिलने पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाकर संतोष दिलाना पड़ा। जानकार बता रहे हैं कि अर्चना जायसवाल भले ही सूरत से सीधी दिखाई देती हों, पर कमलनाथ के इस प्रयास पर दही डालने का काम उन्होंने अपने दिल्ली के मजबूत रिश्तों के आधार पर कर दिखाया है। कांग्रेस में राजनीति करने वाले यह अच्छी तरह समझते हैं कि यहां सीधे चलने वाले प्यादों से ज्यादा ढाई घर चलने वाले मोहरों से सतर्क रहना पड़ता है।
-9826667063

You might also like