ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचा 400 करोड़ का सोना
आज से बीआईएस प्रणाली शुरू : हॉलमार्क होगी हर सोने के जेवर की मुहर
इंदौर। आज से हॉलमार्क का नियम लागू होने से अब शहर के लोगों को शुद्ध सोने की ग्यारंटी वाले जेवर मिलने लगेंगे। जिससे लोगों में शुद्ध सोने के प्रति जागरूकता बड़ेंगी। सरकार द्वारा पहले से कारोबारियों को सचेत कर दिया गया था। जिसके चलते कारोबारियों ने 400 करोड़ से ज्यादा का सोना ग्रामीण क्षेत्रों में खपा दिया। वहीं कुछ बड़े कारोबारियों को 75 करोड़ से ज्यादा का सोना गलाना पड़ा। सरकार द्वारा आज से गैर हॉलमार्क वाले गहनों को जब्त करने के लिए बीआईएस कार्रवाई भी करेगा। नए कानून के तहत नॉन हॉमार्क ज्वेलरी मिलने पर कारोबारी का लाइसेंस एक साल के लिए रद्द करने के साथ ही ज्वेलरी भी जब्त की जाएगी।
शहर में 2500 छोटे-बड़े सोना कारोबारियों द्वारा नॉन हॉलमार्क सोने के बेचने पर पूर्व में ही सरकार द्वारा चेतावनी दी गई थी कि एक दिसम्बर से मध्य प्रदेश के 4 जिलों में नॉन हॉलमार्क की ज्वेलरी नहीं बेची जाएगी। इसके तहत इंदौर शहर में सोने का कारोबार करने वाली करीब 2500 से ज्यादा दुकानों के संचालकों ने अपने पास रखा नॉन हॉलमार्क सोना या तो आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बैच दिया या उसे गला दिया गया। एक अनुमान के अनुसार 1 दिसम्बर से पहले शहर से 400 करोड़ का नॉन हॉलमार्क सोने आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बेच दिया गया। वहीं 75 करोड़ से ज्यादा का सोना शहर में गला दिया गया। मध्य प्रदेश में अभी इंदौर, भोपाल, रतलाम, उज्जैन ग्वालियर सहित सिर्फ 8 जिलों में बीआईएस प्रणाली लागू की गई है। आने वाले समय में शहर में ओर हॉलमार्क सेंटर बढ़ाए जाएंगे। बीआईएस का नियम उन कारोबारियों पर लागू होता हैं जिनका टर्न ओवर 40 लाख से ज्यादा का होता है। 40 लाख से कम कारोबार करने वाले कारोबारियों को लायसेंस की जरूरत नहीं होती है। मगर आज के बाद किसी भी सोना कारोबारियों के पास नॉन हॉलमार्क ज्वेलरी मिलती हैं तो उसके कारोबार का लायसेंस एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा इसके साथ ही उक्त कारोबारी के पास से मिला गया नॉन हॉलमार्क सोने को जब्त किया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में बिना हॉलमार्क सोना क्यो भेजा?
अब शहर में हॉलमार्क के बिना सोने के जेवर दुकान पर नहीं रखे जा सकेंगे। शहर में अभी 22 कैरेट सोने से जेवर बता कर बिना हॉलमार्क 21 केरेट के जेवर दिए जा रहेे थे। अब यह गलाए जाते तो कोरोबारियों को बड़ा नुकसान होता, इसलिए इसमें से बड़ी तादाद में सोने के जेवर आस-पास के जिलों और ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों पर भेज दिए गए हैं।