1 अप्रैल से लागू होगी पुलिस कमिश्नरी

सबसे बड़ा सवाल यह लंगड़ी होगी या फिर पूरी क्षमता वाली

इंदौर। एक ओर जहां इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने का ऐलान मुख्यमंत्री ने कल अचानक किया। यह बात आईएएस लॉबी में हजम नहीं हो पा रही है। इसके पहले तीन बार कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की तैयारी की गई थी, परंतु विकल्प तलाश कर इसे समाप्त कर दिया गया और इसी के तहत इंदौर में एसएसपी सिस्टम लागू हो गया। इधर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने को लेकर भी अभी भ्रम बना हुआ है कि यह प्रणाली पूरी तरह लागू होगी या फिर इसे लंगड़ी रखा जाएगा। संभवत: कमिश्नर प्रणाली लंगड़ी ही रहेगी। कई अधिकार अभी भी आईएएस अधिकारियों के पास ही रहेंगे। थानों में पहले से ही पुलिस बल की भारी कमी है। कमिश्नर प्रणाली के बाद 30 प्रतिशत तक और पुलिस बल यदि नहीं बढ़ाया गया तो आरक्षक, प्रधान आरक्षकों के कार्यों में और दबाव बढ़ेगा। इसी के साथ पुलिस अधिकारियों का बड़ा लवाजमा भी पदस्थ हो जाएगा। पुलिस कमिश्नर प्रणाली इंदौर में 1 अप्रैल से ही लागू होगी।
प्रदेश के दोनों महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर 1981 से अलग-अलग स्तर पर प्रयास होते रहे, परंतु संभव नहीं हो पाया और पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर कई सवाल अभी भी बचे हुए है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इंदौर में कमिश्नर प्रणाली पूरी तरह लागू रहेगी जिसमें आबकारी, आरटीओ सहित सभी अधिकार पुलिस के पास पहुंच जाएंगे। इसकी संभावना अभी कम दिखती है। दूसरी प्रणाली में 107, 116, 151, 110, जिलाबदर, रासुका की कार्रवाई पूरी तरह पुलिस को दे दी जाएगी। वहीं ट्रांसपोर्ट और आबकारी के पावर जिलाधीश के पास ही रखे जाने को लेकर तैयारी की जा रही है। दिल्ली, बाम्बे में पुलिस कमिश्नर को पूरे अधिकार दिए गए है। इसीलिए वहां यह प्रणाली सफल है। मध्यप्रदेश में आईएएस लॉबी किसी भी सूरत में पूरी तरह से इसके लिए तैयार हो जाए यह संभव नहीं होगा। हालांकि अगर ऐसा हो गया तो बेहतर पुलिस व्यवस्था देखने को मिलेगी। अभी थानों से 700 से अधिक प्रकरण सुनवाई के लिए एसडीएम, एडीएम कोर्ट में पहुंचते है जहां जमानत पर सुनवाई होती है। अब यह सुनवाई पूरी तरह यहां बंद हो जाएगी। यह सुनवाई अब डीसीपी और एसीपी द्वारा की जाएगी। यदि थानों का बल नहीं बढ़ाया गया तो यह प्रणाली पुलिसकर्मियों के लिए बोझ बन जाएगी। पहले से ही 16 घंटे काम कर रहे कर्मचारी भारी दबाव में आ जाएंगे। 30 प्रतिशत से अधिक स्टॉफ और बढ़ाना होगा, वरना भारी भरकम पदों वाले तमाम अधिकारी इंदौर में पदस्थ हो जाएंगे। जिनकी जी हुजुरी भी छोटे कर्मचारियों को ही करनी होगी। ऐसे में आईएएस लॉबी चाहेगी कि कमिश्नर प्रणाली लंगड़ी लागू होने के बाद इसके फेल होने का ठिकरा भी फोड़ा जा सके। दूसरी ओर पुलिस अधिकारी चाहेंगे कि कमिश्नर प्रणाली पूरी ताकत से दिल्ली, मुंबई की तर्ज पर लागू हो। आबकारी, आरटीओ सहित सभी अधिकार विभाग के पास हो जाएंगे। आईएएस लॉबी के पास केवल राजस्व का ही काम रह जाएगा जो कतई नहीं चाहा जाएगा।

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