गुस्ताखी माफ़-खंडवा उपचुनाव : प्रदेश में बड़े परिवर्तन की आधारशिला…निकाय चुनाव अभी दिल्ली दूर…सदस्यता अभियान को पलीता…

खंडवा उपचुनाव : प्रदेश में बड़े परिवर्तन की आधारशिला…
खंडवा लोकसभा उपचुनाव भाजपा में अब बड़े परिवर्तन के संकेत दे रहा है। भाजपा आने वाले समय में लगभग सभी क्षेत्रों में परिवारवाद से मुक्त होने का काम प्रारंभ करेगी। इसका खामियाजा उन राजनेता पिताओं को भुगतना होगा, जो आने वाले समय में अपने पुत्रों को स्थापित करने के लिए समीकरण बना रहे हैं। इसी के साथ ही नए चेहरे अब बड़े पैमाने पर राजनीति में दिखाई देंगे। ज्ञानेश्वर पाटिल इस बार खंडवा में हर्ष चौहान के तमाम सेंध लगाने के बाद भी विजयी हुए, जिससे यह संकेत भी चला गया है कि जिन्हें विरोध करना है, उन्हें विरोध करने दिया जाए। इसका सबसे बड़ा नुकसान आने वाले नगर निगम के चुनाव में उन्हें होगा, जो चार से पांच चुनाव जीतकर अब अपने पुत्रों को पुन: अगले पच्चीस साल के लिए वार्डों में स्थापित करने जा रहे हैं। इस मामले में इंदौर के ही एक वार्ड के सौ से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव को शिकायत करते हुए लिखा है कि मुन्नालाल यादव अब अपने पुत्र के लिए जगह बना रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता पचास साल तक एक ही परिवार की सेवा में कब तक लगा रहेगा। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मध्यप्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाइन पर ही आगे बढ़ रहे हैं और वे परिवारवाद के सख्त खिलाफ हैं। ऐसे में कई नेताओं के लिए आने वाला समय अपने पुत्रों को कहीं और स्थापित करने के लिए बेहतर होगा। इंदौर में बीस से अधिक भाजपा पार्षद अपने पुत्रों के लिए जमीन बनाने का काम शुरू कर चुके हैं। हालांकि निर्णय जब होंगे तो कई की जमीन खिसक चुकी होगी।
निकाय चुनाव अभी दिल्ली दूर…
अगले माह पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी और दिसंबर अंत तक सरकार पंचायत चुनाव से बाहर आ चुकी रहेगी। दूसरी ओर नगर निगम चुनाव की बांट जोह रहे नेताओं के लिए अभी और इंतजार बाकी है। अप्रैल माह में वापस नगर निगम के चुनाव कराए जाने को लेकर शुरुआत होगी। अब देखना होगा कि सरकार इन चुनावी प्रक्रियाओं को और खीचेगी या नहीं। हालांकि उपचुनाव में आए परिणामों से पार्टी का मनोबल काफी बढ़ गया है।
सदस्यता अभियान को पलीता…
दिल्ली से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए संगठन को काम पर लगाने के लिए शुरुआत की गई थी, परंतु इंदौर में कांग्रेस के नेताओं ने इस अभियान में ऐसा पलीता लगाया है कि हवा ही नहीं लगी कि कब सदस्यता अभियान शुरू हुआ और कब खत्म हो गया। दिल्ली से कांग्रेस ने बूथ स्तर पर संस्था अभियान चलाने के लिए कांग्रेस संगठन को निर्देशित किया था, परंतु संगठन ने घर ही घर में खेल कर इस अभियान को पूरी तरह पलीता लगा दिया।

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