गुस्ताखी माफ़-दोनों तरफ ताले लग गए क्या…ताई के यहां हंडी में कुछ पक रहा है…पेलवान की सेना में सेंध…

दोनों तरफ ताले लग गए क्या…
भारतीय जनता पार्टी के दीनदयाल भवन में ऊपर की दो मंजिलों में ताले लगा दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह ताले इसलिए लगाए गए हैं कि कार्यकर्ता इसका उपयोग न कर सकें। इनमें से एक मंजिल पर पहले संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा का साम्राज्य होता था। बाद में यहां पर ताले लगने के बाद भाजपा के ही एक बड़े नेता ने प्रदेश संगठन महामंत्री भगवानदास सबनानी को फोन लगाते हुए जमकर लू उतारी। उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ताओं की अमानत है, ताले क्यों लगाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे यह पता लगता है कि संगठन में बैठे नेताओं की अकल में भी ताले लग चुके हैं। इसके पहले इतिहास में कभी ताले नहीं लगे थे। जो भी हो, इन तालों के चक्कर में वैसे भी भाजपा कार्यालय में अब पहले जैसी रौनक नहीं रही। दिन में तो यहां कौवे उड़ते रहते हैं।
ताई के यहां हंडी में कुछ पक रहा है…
इन दिनों ताई के घर भाजपा के दिल्ली के कई नेताओं का आगमन अचानक बढ़ गया है। इसमें से अधिकांश एकांत चर्चा के बाद वापस लौट रहे हैं। लगभग दो माह में छह से अधिक नेता ताई से मिलने पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर पद्मश्री की उपाधि मिलने के बाद मुख्यमंत्री भी बधाई देने नहीं पहुंचे थे, जबकि वे इस दौरान तीन से ज्यादा बार इंदौर आए थे, परंतु वे भी ताई से मिले और चर्चा की। इसी के साथ ताई के अहिल्या स्मारक के मिशन को लेकर भी कई आश्वासन दिए। जो भी हो, अंदरखाने की हांडी में कुछ पक रहा है। अब यह समय बताएगा कि क्या पक रहा है। कल भी कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोद और दिग्विजयसिंह भी पहुंचे थे। अचानक राजनेताओं की बढ़ रही भीड़ को लेकर भाजपा में कई कयास लगना शुरू हो गए है। सभी एक-दूसरे से पूछ रहे है दादा अब तो बताओ क्या होने वाला है।
पेलवान की सेना में सेंध…
पिछले दिनों सारे रिवाज के साथ अंतत: प्रेम-बंधन नेस्तनाबूत हो गया। इस प्रेम-बंधन के टूटने के पीछे भाजपा के ही दो धड़े सबसे ज्यादा सक्रिय रहे। एक धड़ा इसे बचाने में तो दूसरा धड़ा इसे तुड़वाने में। क्षेत्र के पूर्व सरपंच नारायणसिंह ठाकुर, तुलसी पेलवान के करीबी लोगों में माने जाते हैं। इधर प्रेम-बंधन के टूटने से पेलवान को भी दु:ख हुआ है। वहीं इसे तुड़वाने में क्षेत्र क्रमांक पांच के विधायक और उनके समर्थकों की बड़ी भूमिका रही है। हालांकि नेताओं के जन्मदिन से लेकर मिलन समारोह तक इसी गार्डन में होते थे। कुल मिलाकर पेलवान के आसपास के कई समर्थकों को चोट की जा रही है।

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