योगी सरकार की वापसी के आसार नहीं

सर्वाधिक लोगों की पसंद अखिलेश यादव, एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए

लखनऊ, (ब्यूरो)। उत्तरप्रदेश में चार माह बाद होने वाले 403 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव को लेकर जहां दलों ने अपने समीकरण बैठाना शुरू किया है, वहीं न्यूज चैनलों के सर्वे की भरमार भी शुरू हो गई है। एबीपी न्यूज चैनल के सर्वे में जहां भाजपा को ऐतिहासिक जीत दी जा रही है, वहीं तीन ऑनलाइन सर्वे करने वाली न्यूज चैनलों ने अपने सर्वे में योगी सरकार को भारी नुकसान होते हुए दिखाया है। 75 प्रतिशत लोग अखिलेश को अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और किसान इस समय सबसे बड़े मुद्दे बन गए हैं। एबीपी न्यूज के दो सर्वे अलग-अलग हैं। एक सर्वे भाजपा की सरकार बना रहा है तो दूसरा उसी समूह का द टेलिग्राफ के कोलकाता संस्करण में भाजपा बुरी तरह हारती हुई दिखाई देगी। एक अन्य ऑनलाइन सर्वे में भी अन्य राज्यों में भाजपा की स्थिति को बेहतर नहीं बताया है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहे विजय रुपाणी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की लोकप्रियता के ग्राफ में भारी गिरावट सर्वे में दिखी है।
सी-वोटर के एबीपी न्यूज के साथ हुए सर्वे को लेकर कई चिट्ठे उत्तरप्रदेश के अखबारों में छप रहे हैं। सी-वोटर संघ के वरिष्ठ नेता नानाजी देशमुख के पोते यशवंत देशमुख द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसमें भाजपा को 267 सीटें, समाजवादी पार्टी को 117, कांग्रेस को 7 और बीएसपी को 10 सीटें मिलने का दावा किया गया है। ऐसा ही दावा पश्चिम बंगाल के चुनाव में भी सी-वोटर कर चुका था। सी-वोटर के जवाब में अब ‘द लाइव टीवीÓ के ऑनलाइन सर्वे में दो दिनों में चौदह हजार से अधिक लोग शामिल हुए। एक लाख सैंतालीस हजार लोगों ने यह सर्वे देखा। इसमें अखिलेश यादव के पक्ष में 75 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। प्रियंका गांधी पंद्रह प्रतिशत, योगी पांच प्रतिशत और मायावती 6 प्रतिशत पर रहे। इस सर्वे में 39 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी, 26 प्रतिशत ने महंगाई और 19 प्रतिशत ने किसानों की समस्याओं को सबसे ऊपर रखा। इसी के साथ ऑनलाइन न्यूज इंडिया के चार दिन से चल रहे सर्वे में भी 47 हजार से अधिक लोग शामिल हुए हैं। इसमें भी अखिलेश यादव 73 प्रतिशत और भाजपा 6 प्रतिशत, कांग्रेस 13 प्रतिशत और बीएसपी 4 प्रतिशत मतों के साथ सीटें जीतेंगे। एक और ऑनलाइन सर्वे में भी तीन राज्यों में भाजपा को बड़ा झटका लगता हुआ बताया गया है। एबीपी न्यूज के सर्वे में जहां भाजपा ऐतिहासिक मतों से सरकार बना रही है, तो एबीपी न्यूज के ही कोलकाता के द टेलिग्राफ अखबार के सर्वे में भाजपा सौ सीटों के लगभग भी नहीं पहुंचेगी। उल्लेखनीय है कि इस साल न्यूज चैनल में न्यूज-18 को 28.82 करोड़ रुपए का व्यापार मिला तो वहीं एबीपी न्यूज को 18.19 करोड़ रुपए योगी सरकार ने अपने प्रचार के लिए दिए।
मोदी पर भी भारी हैं योगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तरप्रदेश के हालात से वाकिफ हैं। उनके द्वारा भेजे गए सेवानिवृत्त आईएएस को योगी ने मंत्री नहीं बनाया था। मोदी के सर्वे में भी हालात अच्छे नहीं हैं और इसी लिए अभी तक अगले चुनाव के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया गया है।

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