स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालिन हड़ताल?

पूरे प्रदेश में टीकाकरण गड़बड़ाने का डर, बातचीत के लिए बुलाया

इंदौर (संजय नजाण)। एक बार फिर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना के सक्रिय होने की जानकारियां लगातार आ रही है वहीं दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भी जारी है तो स्वास्थ्य कर्मचारियों का क्रमिक आंदोलन भी जारी है। सरकार को इस बात का डर है कि कहीं पूरे प्रदेश में टीकाकरण गड$़बड़ा ना जाए इसलिए स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालिन हड़ताल हो उसके पहले ही उन्हें प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डॉयरेक्टर एनआरएचएम ने बुलवा लिया। अपनी १२ सूत्रीय मांगों को लेकर ये स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले लगभग डेढ़ माह से आंदोलनरत हैं।
अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरह स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर तथा विभिन्न अभियानों में अन्य सुविधाओं के साथ साथ खुद की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर प्रदेशभर के ५२ जिलों के बहुउद्देश्यी स्वास्थ्य कर्मचारी एएनएम आदि हड़ताल पर है। लगभग एक डेढ़ माह पूर्व उन्होंने अपने आंदोलन की शुरुआत ज्ञापन देने से की थी। बाद में धरना, प्रदर्शन, भोपाल मुख्यालय पर आंदोलन जैसे कदम भी इन्होंने उठाय और सभी जिलों से जिला संगठन की ईकाईयों के पदाधिकारी भोपाल पहुंचकर भी अधिकारियों को अपनी मांगों से अवगत कराकर आये थे। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी १२ में से २-३ मांगों को मानने को भी तैयार है लेकिन इन स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना था कि उनकी प्रमुख मागों और टेबलेट जमा कराने वाली स्थिति में स्पष्टता होना चाहिए और उसी खास बिंदु को लेकर उन्होंने प्रदेशभर में एक साथ अनिश्चितकालिन हड़ताल करना तय कर लिया था। टीकाकरण के दौर में और ऐसे समय जबकि कोविड की सक्रियता फिर बढ़ रही है। सरकार को कर्मचारियों का यह आंदोलन नागवार गुजर रहा है। लेकिन सरकार को इस बात का भी डर है कि कहीं स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालिन हड़ताल पर चले गये तो टीकाकरण कार्यक्रम पटरी से नीचे उतर जाएगा। इधर बताया जा रहा है कि उन्हें एस्मा से डराने की कोशिश भी जा रही है। कर्मचारियों ने अपने इरादे प्रकट कर दिये कि एस्मा में जो होगा वह देखा जाएगा। जो सबसे साथ होगा वह अपने साथ भी होगा। जब सरकार के जिम्मेदारों को स्वास्थ्य कर्मचारियों के इरादों की भनक लगी तो सरकार ने बजाये सख्ती अपनाने के प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों के प्रदेेश प्रभारियों को बातचीत के लिए बुला लिया। फिलहाल तो एक दिन के लिए हड़ताल टल गई है लेकिन आज अनिश्चितकालिन हड़ताल को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। वैसे कर्मचारियों का मानना है कि हमने इस प्रकार के हालात पैदा कर दिये है कि सरकार को मजबूरी में बातचीत के लिए हमारी टेबल पर आना पड़ा। अब पदाधिकारी पूरे प्रदेश के कर्मचारियों से अपील कर रहे हैं कि वे इसी प्रकार एकजुटता का परिचय देंगे तो हम अपनी पूरी दर्जनभर मांगे मनवा लेंगे। स्वास्थ कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाले दीपक राशिनकर, रविन्द्र गट्ट, श्वेता पोरवाल, उमा सोनी के साथी सहयोगी मेघा जलगांवकर, सुनिता पंडित, अनामिका लावरे, अरुणा काले, श्रद्धा भोंसले आदि ने सभी बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एएनएम से अपील की है कि वह इसी प्रकार एकता बनाये रखे।
स्वास्थ्य मंत्रालय को बैकफुट पर आना पड़ा
सूत्रों का कहना है कि जिस प्रकार एनआरएचएम डायरेक्टर छवि भारद्वाज की विदाई हुई है उसने तमाम स्वास्थ्य कर्मचारियों की एकता को मजबूती दी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों का भी मानना है कि यह उनकी एकता की जीत हुई है। हालांकि इस पद पर आईएस प्रियंकादास की वापसी हुई है लेकिन छवि भारद्वाज के बारे में यह बताया जाता है कि मामलों को लटकाने में उनकी महारत थी और मुलाकात के लिए उनके यहां तीन दिन का वेटिंग चला करता था। यदि कोई उनके ऑफिस के कर्मचारी के माध्यम से मिलने की भी कोशिश करता था तो उसे यह जवाब मिल जाता था कि आपका मामला ईमेल कर दो मैडम देख लेंगे। छवि भारद्वाज की यह कार्यशैली स्वास्थ्य कर्मचारी से लगाकर विभाग के आला अधिकारियों को समझ नहीं आ रही थी। फिर कई जिलों में जिस प्रकार कोरोना गाइडलाइन के मामले में विभाग के ही कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई जिसमे भी उनके पक्ष को कमजोर कर रखा था।

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