युवा मोर्चा : भारी पड़े मेंदोला और मालिनी

जमीनी कार्यकर्ताओं को एक बार फिर रहना पड़ा खाली हाथ

इंदौर। अंतत: भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई का गठन लंबी खींचतान के बाद हो ही गया। एक बार फिर इंदौर के कई जमीनी कार्यकर्ता इसमें जगह नहीं बना पाए। जिन्हें जगह मिली वे बड़े नेताओं के करीबी ही रहे। एक केवल गंगा पांडे को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने में क्षेत्र क्रमांक 2 के विधायक रमेश मेंदोला और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने मालिनी गौड़ को रोकने के लिए यह तैयारी की थी। हालांकि मालिनी गौड़ अपने भतीजे सुभेन्द्र सिंह गौड़ को प्रदेश मंत्री बनाने में सफल हो गई। बाकी विधानसभा के नेता और कार्यकर्ता खाली हाथ ही रहे।
लंबे समय से गंगा पांडे को भाजपा की राजनीति में स्थापित करने के लिए क्षेत्र क्रमांक 2 के विधायक रमेश मेंदोला पूरी ताकत से लगे हुए है। कई बार वे प्रयास के बाद सफल नहीं हो पा रहे थे। कारण यह है कि गंगा पांडे क्षेत्र क्रमांक 4 में राजनीति कर रहे है और लगातार वे मालिनी गौड़ के लिए चुनौती बनते जा रहे थे। रमेश मेंदोला के संरक्षण के कारण वे भाजपा में अपनी ताकत भी दिखा रहे थे। युवा मोर्चा की प्रदेश इकाई ने उन्हें स्थापित करने में रमेश मेंदोला की बड़ी भूमिका रही। मेंदोला ने गंगा पांडे के लिए क्षेत्र क्रमांक 2 के कई नेताओं को इस बार दरकिनार किया। इधर मालिनी गौड़ भी अपने भतीजे सुभेन्द्रसिंह गौड़ को प्रदेश मंत्री बनाने में सफल रहे। इसके बाद बाकी दो नियुक्तियां भी जमीनी कार्यकर्ताओं की नहीं हो पाई हैं। प्रखर दवे पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. अनिल माधव दवे के भतीजे है और उन्हीं की पहचान के आधार पर उन्हें भाजयुमो में नियुक्ति मिली है। प्रखर दवे आईटी सेल में सोशल मीडिया का काम देखेंगे। इधर लंबे समय से अपने आंकाओं के भरोसे मनस्वी पाटीदार, मयूरेश पिंगले, मोहित वर्मा, धीरज ठाकुर भी प्रदेश इकाई में जगह बनाने के लिए प्रयासरत थे, परंतु वे खाली हाथ ही रहे। एक बार फिर प्रदेश इकाई में भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को जगह नहीं मिली। वहीं अन्य नेताओं की स्थिति भी साफ हो गई। क्षेत्र 1, 2 और 5, राऊ के बड़े नेता इस बार भी खाली हाथ ही रहे।

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