गुस्ताखी माफ-हर चौथा अधिकारी इंदौर की तैयारी में…बाबू दादा को ज्ञान का पाठ दे गए घनश्याम बाबू…

हर चौथा अधिकारी इंदौर की तैयारी में…
हालांकि तबादलों की दुकानों के लिए 7 अगस्त तक फरमान जारी हो गया है, परंतु तबादले कराने में इस बार शतरंज के खेल की तरह जोर दिखाई दे रहे हैं। इंदौर आने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की भरमार हो रही है और जाना कोई चाहता नहीं है। कुल तबादले के पच्चीस प्रतिशत इंदौर ही आना चाहते हैं और सबसे मजेदार बात यह है कि ग्वालियर-चंबल के तमाम प्रतिभाशाली एक पांव से इंदौर आने के लिए लालायित हैं। पुलिस विभाग की तो बात ही अलग है। जिस थाने में चले जाओ, चार-पांच ग्वालियर वाले मिल ही जाएंगे। यही स्थिति अन्य विभाग के अधिकारियों की भी है। अभी शराब-कांड में दो अपराधियों को ग्वालियर और डबरा के ही पुराने रिश्ते काम आ रहे हैं। हालत यह है कि उनका बस चले तो वे गोली चली ही नहीं, इसके लिए भी जांच को भुनाने के लिए तैयार हैं। व्यवहारिक होते हैं। चंबल के बाशिंदे अगर पैसे लेते हैं तो काम भी करते हैं। काम हो जाए, फिर हम बताएंगे कि खेल किसने खेला है। रही बात तबादलों की, तो पता नहीं, इंदौर में कहां जूतों में खीर बंट रही है कि जिसे देखो बस… कुछ भी करो भिया, एक बार बस… जमा दो।
बाबू दादा को ज्ञान का पाठ दे गए घनश्याम बाबू…
जब कोई नेता और कार्यकर्ता दोनों ही खोने और पाने की संभावनाओं से ऊपर हो जाते हैं तो वे पार्टी और संगठन दोनों में अपनी बात स्पष्ट कहने से डरते नहीं हैं। जिन्हें कुछ संभावना है, वे जरूर चुप रहते हैं, पर उन्हें भी यह बात ध्यान रखना चाहिए कि वे आज चुप रहे तो अगली बार उनकी आवाज सुनने वाला भी नहीं बचेगा। जब भी प्रखर बोलने वालों का जिक्र होगा तो उनका नाम उसमें नहीं होगा। यह मामला है मंडल अध्यक्ष कार्यसमिति की बैठक का। कुशाभाऊ ठाकरे मंडल में पिछले दिनों बैठक आयोजित हुई। बैठक में भाजपा के शीर्षस्थ नेता बाबूसिंह रघुवंशी और भाजपा के शीर्षस्थ कार्यकर्ता घनश्याम व्यास के उदबोधन ने संगठन की दुर्दशा और चरित्र दोनों को उजागर कर दिया। जब बाबूसिंह रघुवंशी मंडल अध्यक्ष रितेश विरांग को ज्ञान दे रहे थे तो उन्होंने कहा कि मंडल में 68 सदस्य हैं, कई के चेहरे भी तुम नहीं जानते, क्योंकि तुम्हारा सम्पर्क नहीं है। पहले कार्यकर्ताओं के घर मंडल अध्यक्ष और नेता आते-जाते थे, उसके दर्द को समझते थे, गले मिलते थे, परंतु अब यह नहीं हो रहा है। उनके उद्बोधन के बीच भाजपा के ही वरिष्ठ कार्यकर्ता घनश्याम व्यास ने बाबूसिंह रघुवंशी को उलटे ज्ञान दे डाला और कहा कि आप इनको राय दे रहे हो, दूसरी ओर संगठन मंत्री से मिलना हो तो तीन कमरे पार करना पड़ते हैं। संगठन मंत्री खुद बता दें, वे किस कार्यकर्ता के घर सुख-दु:ख में गए हैं। इस पर बाबूसिंह रघुवंशी का दर्द भी छलक आया। उन्होंने कहा वे बड़े लोग हैं, हम उनकी बात नहीं कर सकते। दोनों नेताओं का सम्मान संगठन का चरित्र बता रहा है। इसी के साथ असंख्य कार्यकर्ताओं का दर्द भी सामने आ रहा है। जो कार्यकर्ता अब पार्टी में पाने की संभावना से आगे निकल गए हैं, वे अब मुखर होते दिखाई देंगे। हालांकि क्षेत्र क्रमांक पांच की एक मंडल बैठक में संगठन मंत्री गुट के भाजपा कार्यकर्ता राजेश उदावत ने संगठन मंत्री के पक्ष में लंबी दलीलें दीं। उन्होंने बताया कि वे कितना काम कर रहे हैं। बारह घंटे काम करने के बाद सरकार चली गई थी। अभी वे चौदह घंटे काम कर रहे हैं।
और अंत में…
नगर निगम में पकड़ाए, भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारी को बचाने में इंजीनियरों और अधिकारियों की बड़ी लॉबी सक्रिय हो गई है। कारण विजय सक्सेना ने कहा है कि वह फंसा तो सबके बारे में जानकारी दे देगा।
-9826667063

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