गुस्ताखी माफ-एक झटके में कुर्ते का कलप उतर गया…आईजी का लेबल थानेदारी की चर्चा…तीन लाख के कुर्ते-पजामे…
एक झटके में कुर्ते का कलप उतर गया…
युवा कांग्रेस के नेता रोहित धनोते कलप वाले कपड़े पहनकर नगर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के साथ इंदौर में जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार संभाल रहे एसडीएम रवि कुमार सिंह से दो-दो हाथ करने पहुंच गए। इस दौरान अधिकारी ने इस कदर लू उतारी कि बाकलीवालजी ने तो मौन धारण कर लिया और दूसरी ओर साहब ने कहा- मुझ पर घटिया राजनीति के आरोप मत लगाना, वरना राजनीति ठिकाने लगा दूंगा। फिर क्या था, बेआबरू होकर….।
आईजी का लेबल थानेदारी की चर्चा…
बिना बात के कुछ लोग मोहन सेंगर को भाजपा की नगर कार्यकारिणी में महासचिव बनाने पर जुटे हुए हैं, जबकि तथ्य यह बता रहे हैं कि मालिनी गौड़ ने मोहन सेंगर का नाम नगर कार्यकारिणी के लिए नहीं रखा है। खुद मोहन सेंगर भी बता चुके हैं कि वे नगर की कार्यकारिणी में पद नहीं चाहते हैं। वैसे भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में उनका क्रम आता था। विधानसभा चुनाव लड़ने वाला अपने से कम उम्र के गौरव बाबू के नेतृत्व में कैसे काम करेगा, यह भी सवाल उठ रहा है। अब सूत्र बता रहे हैं कि मोहन सेंगर का नाम प्राधिकरण अथवा किसी और निगम-मंडल के लिए ज्योति बाबू ने दिए हैं। नगर इकाई में उनके नाम को लेकर विशेष तवज्जो नहीं रही है। यह तो वहीं बात है कि आईजी बनना हो और थानेदारी की चर्चा शुरू हो जाए। हालांकि निगम-मंडलों की लॉलीपॉप ऐसे ही बंटते रहेगी, गठन की संभावना अगले बरस जनवरी के बाद ही शुरू होगी।
तीन लाख के कुर्ते-पजामे…
कांग्रेस के बड़े नेता ने इंदौर के जाने-माने ड्रेस डिजाइनर को कुर्ते-पजामे में उलझा दिया है। कुछ बड़े नेताओं के कुर्ते-पजामे भाईसाब ने सीकर पहनाए थे, इसका भुगतान साढ़े तीन लाख रुपए के लगभग बाकी है। जिन्हें कुर्ते मिले, वे तो पहनकर घूम रहे हैं, दूसरी ओर जिन्हें पैसे देना हैं, वे उस इलाके से निकल नहीं रहे हैं। कुल मिलाकर जब उधार में ही सीना थे तो हमको भी बता देते, दो-चार और लोगों का भला हो जाता। जो भी हो, उधार के कुर्ते-पजामे का मजा अलग रहता है।