गुस्ताखी माफ- यार कुछ करो अब….बंट रही थी तब न जाने कहां थे…गुंडों का वेतन आएएएस से ज्यादा…

यार कुछ करो अब….
यादव समाज में कार्यक्रमों के जलवे बड़े निराले हैं। पिछले दिनों अखंड धाम में यादव समाज के दिग्गज नेताओं ने कोरोना काल में मैदानी यादव समाज के युवाओं का सम्मान किया। बात यह नहीं है कि सम्मान कैसे किया और किसका किया। सम्मान के लिए उज्जैन से जिन्हें मुख्य अतिथि बनाकर बुलाया था, वे गुलशन कुमार हत्याकांड में उज्जैन से गिरफ्तार किए गए थे। अभी पिछले दिनों एक गोलीकांड में भी वे उज्जैन में ही उलझ गए थे। उज्जैन की कौन सी फिरदोस है जो उनके बारे में नहीं जानती हो तो। यह तो थे मुख्य अतिथि और कार्यक्रम के आयोजक थे प्रदीप यादव। अब प्रदीप यादव की जानकारी भी ले लें। इन्होंने अपने मोबाइल से समाज के कई परिवारों को ब्लू फिल्म डाल दी थी। भारी हंगामा मचने के बाद और अखबारों में छपने के बाद भिया जागे और तब मामला शांत हुआ। हालांकि इस कार्यक्रम को लेकर मंच पर मुन्नालाल यादव, हरिनारायण यादव, बंते पहलवान, रमेश उस्ताद सहित कई महामंडलेश्वर मौजूद थे। इन्हें लेकर सोशल मीडिया पर यादव समाज के लोगों ने ही पूछा कि यह तो बता दें, पूरे कोरोना काल में कौन-सी कोठरी में छिपे हुए थे। एक बार भी दर्शन नहीं हुए। बाकी का तो समझ में आता है पर हरिनरायणजी तो पढ़े लिखे है।
बंट रही थी तब न जाने कहां थे…
कांग्रेसियों की गोपनीय बैठक कैसी होती है, इसकी एक बानगी पिछले दिनों इंदौर की प्रभारी विजयलक्ष्मी साधौ के गांधी भवन में पहुंचने पर दिखाई दी। जैसे ही यह गोपनीय बैठक शुरू होना थी तो माइक पर कहा गया कि सभी लोग अपने मोबाइल बंद कर लें। इसी के साथ ही वहां पर कान लगाने वाले पत्रकारों को भी हॉल से बाहर कर दिया गया। दरवाजे बंद कर दिए गए। न जाने जब अकल बंट रही थी, तब यह बिरादरी कहां थी। पूरी गोपनीय बैठक का संचालन माइक से होता रहा और गोपनीय बैठक की जानकारी बाहर खड़े लोगों को सुनाई देती रही। फिर बाद में खुद ही पूछते फिरते हैं यह खबर बाहर कैसे गई।
गुंडों का वेतन आएएएस से ज्यादा…
इन दिनों शराब की दुकानों के अहातों को लेकर आबकारी विभाग का जो चिट्ठा खुल रहा है, उसी के साथ गुंडों के वेतन की जानकारी भी सामने आ रही है। हर अहाते से क्षेत्र के पांच गुंडों को वेतन मिलता है। यह वेतन किसी आईएएस अधिकारी से ज्यादा होता है। इसके लिए कलाली पर या अहाते पर हाजिरी भरने नहीं जाना पड़ता है। यह घर चलकर आता है। एक गुंडे को कम से कम डेढ़ लाख रुपए मिलते हैं, बशर्ते गुंडा ताकतवर हो। पिछले दिनों धरपकड़ के दौरान जब पुलिस दो गुंडों के निवास पर पहुंची तो पांच सितारा घर, जिसकी लागत पांच करोड़ से ज्यादा है, नाले पर भी कब्जा है, सुविधाएं देखकर दंग रह गई। इस दौरान एक अधिकारी ने कहा हमसे तो ये गुंडे अच्छे, नेताओं के पत्ते भी इनके बिना नहीं हिलते और हमें नेता बिना बात के हिलाते रहते हैं।
-9826667063

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