गुस्ताखी माफ -नरो…उत्तम और कैलाश की जुगलबंदी कुछ नया करेगी…चंद घंटों में ही श्रृंगार उतर गया क्यों…

नरो…उत्तम और कैलाश की जुगलबंदी कुछ नया करेगी…

राजनीति में विश्वास का संकट उन लोगों पर हमेशा बरकरार रहता है जो दूसरे दलों से आते हैं। उनके लिए ना काका, बाबा ना पोरिया जैसी हालत बनी रहती है और इसी के चलते इंदौर से पेलवान को प्रभारी से हटाते हुए ग्वालियर परभारी नियुक्त कर दिया। लंबे समय से संगठन के बड़े नेता इस बात के लिए दबाव बना रहे थे कि पार्टी के ही किसी बड़े नेता को इंदौर का प्रभार दिया जाए। मुख्यमंत्री ने भी नरोत्तम मिश्रा को इंदौर का प्रभारी मंत्री बनाकर एक साथ कई संदेश दे दिये हैं। नरोत्तम मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय दोनों ही एक ही अखाड़े के पहलवान है यानि अमित शाह दोनों के ही उस्ताद है और पहली पसंद भी मध्यप्रदेश में यही नेता है। दूसरी ओर इंदौर शहर सत्ता और संगठन दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कई बार इसी शहर का उपयोग कामधेनु गाय की तरह करना होता है। अब ऐसे में संगठन लाख कोशिश के बाद भी अपने ही नेताओं पर ही दांव लगाता है। कई फैसले ऐसे होते हैं जिन्हें घर के बाहर जाने भी नहीं दिया जा सकता और इसीलिए अंतत नरोत्तम मिश्रा को इंदौर का प्रभार दिया गया है। हालांकि इससे आर.के. बैनर की इंदौर में ताकत को और मजबूती मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर ताई से बोझाई तक अब कई मामलों में वह बात नहीं रहेगी। हालांकि इंदौर संभाग में भी होने वाले दो उपचुनाव के लिए सारी तैयारियाँ यानी तन मन धन के मामले में यही आश्रित रहना पड़ेगा। अत जो भी हो सिक्का कलदार ही लगेगा।\
चंद घंटों में ही श्रृंगार उतर गया क्यों…
यूं तो नगर निगम में आने के लिए बड़े श्रृंगार की जरुरत पड़ती है परंतु जब जाना हो तो बिना श्रृंगार के भी सामान बांधने का काम यहां शुरु हो जाता है हालांकि नगर निगम ऐसी चमत्कारिक जगह है जहां नहीं जाने के लिए भी सारे रास्ते बने हुए हैं। यहां छोटे से गमलों में लग रही लताएँ बाद में इतनी फेल जाती हैं कि उनकी ओर देखने में भी भोपाल की नजरें ही काम आती है। एक बात यह समझ में नहीं आ रही कि अपरायुक्त के रुप में उज्जैन तबादला किये गये श्रृंगार श्रीवास्तव को 18 घंटे में ही शाल श्रीफल देकर रवाना कर दिया जबकि जिनके लिए शाल श्रीफल रखे रखे वापस चले गये वे आज भी यहां जलवा फरोज है और जहां पर श्रृंगार मौजूद थे वह नगर निगम का ऐसा विभाग है जहां घर पर सोए रहो तो भी श्रृंगार होता रहता है। फिर ऐसे में एक ही बात की चर्चा है कि वे खुद गये या उन्हें भेजा गया है।
-9826667063

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